भारत पहली बार हो रहा ICA सम्मेलन, प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को यहां भारत मंडपम में वैश्विक सहकारी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025 का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को यहां बताया कि वैश्विक सहकारी आंदोलन की प्रमुख संस्था, अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) के 130 वर्ष के लंबे इतिहास में पहली बार भारत में इस सम्मेलन और महासभा का आयोजन किया जा रहा है।
आईसीए और भारत सरकार तथा भारतीय सहकारी समितियों अमूल और कृभको के सहयोग से भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) द्वारा आयोजित वैश्विक सम्मेलन 25 से 30 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन का विषय, ‘सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण करती है’, भारत सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
इसमें संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में दुनिया भर में सहकारी समितियों के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करते हुए चर्चा, पैनल सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी जो विशेष रूप से गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता और सतत आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों पर आधारित होंगी।
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ करेंगे, जो सामाजिक समावेश, आर्थिक सशक्तीकरण और सतत विकास को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित करते हुए, ‘सहकारिता एक बेहतर विश्व का निर्माण करती है’ विषय पर केंद्रित है।
प्रधानमंत्री एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे, जो सहकारी आंदोलन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। डाक टिकट पर कमल का फूल है जो शांति, शक्ति, लचीलेपन और विकास का प्रतीक है और स्थिरता तथा सामुदायिक विकास के सहकारी मूल्यों को दर्शाता है। कमल की पाँच पंखुड़ियाँ प्रकृति के पाँच तत्वों (पंचतत्व) का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता के प्रति सहकारी समितियों की प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं।
डिज़ाइन में कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, उपभोक्ता सहकारी समितियों और आवास जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है, जिसमें ड्रोन कृषि में आधुनिक तकनीक की भूमिका का प्रतीक है। भूटान के प्रधानमंत्री महामहिम दाशो शेरिंग टोबगे, फिजी के उप प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका और 100 से अधिक देशों के लगभग 3,000 प्रतिनिधि भी सम्मेलन में शामिल होंगे।
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