पीलीभीत: पंडरी में 1.29 लाख का घोटाला, प्रधान के अधिकार सीज

दोषी दो सचिव, कंसल्टिंग इंजीनियर समेत पांच पर भी होगी कार्रवाई

पीलीभीत: पंडरी में 1.29 लाख का घोटाला, प्रधान के अधिकार सीज

पीलीभीत, अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में घोटालों की बाढ़ सी आई हुई है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद डीएम के निर्देश पर ग्राम पंचायत पंडरी में विकास कार्यों की जांच कराई गई तो एक लाख रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा सामने आया। प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए जाने के बाद दिए गए कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने पर डीएम ने ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए। वहीं फर्जीवाड़े में शामिल दो सचिवों समेत पांच कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। इस सभी के विरुद्ध कार्रवाई को संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

मामला मरौरी ब्लाक की ग्राम पंचायत मरौरी का है। गांव निवासी भीमसेन आदि ने डीएम को शपथ पत्र सहित की गई शिकायत में ग्राम पंचायत पंडरी में फर्जी तरीके से सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगाते जांच कराने की मांग की थी। डीएम संजय कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से जिला कृषि अधिकारी एवं सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग को नामित करते हुए जांच करने के निर्देश दिए थे। जांच अधिकारियों ने मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी। प्रारंभिक जांच में 1,29,015 रुपये का गबन पाया गया। प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए जाने पर ग्राम प्रधान ज्ञानवती, वर्तमान सचिव, तौलेराम, तत्कालीन सचिव सचिन कुमार, कंसल्टिंग इंजीनियर हिमांशी, तकनीकी सहायक मोहम्मद अजहर एवं रोजगार सेवक राजकुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जानकारी किए गए। प्रधान द्वारा नोटिस का साक्ष्यविहीन उत्तर दिया गया, वहीं दोषी पाए गए दो सचिवों समेत पांच कर्मचारियों द्वारा नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। पाया गया कि उक्त कर्मचारियों एवं ग्राम प्रधान द्वारा जानबूझकर 74598 रुपये का दुरुपयोग मनरेगा योजना के अंतर्गत किया जाना पाया गया। इसी तरह ग्राम निधि की प्रारंभिक जांच में 54417 रुपये के बारे में ग्राम प्रधान, वर्तमान सचिव तौलेराम द्वारा दिया गया उत्तर संतोषजनक नहीं पाया है। इस प्रकार ग्राम पंचायत में 1,29,015 रुपये की वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई। इधर नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर डीएम संजय कुमार सिंह ग्राम प्रधान ज्ञानवती के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए। वहीं जिला पंचायत अधिकारी को मौजूदा सचिव तौलेराम एवं  तत्कालीन सचिव सचिन कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

कंसल्टिंग इंजीनियर व तकनीकी सहायक को हटाने के निर्देश
डीएम संजय कुमार सिंह ने जांच में दोषी पाई गई कंसल्टिंग इंजीनियर हिमांशी राज एवं तकनीकी सहायक मोहम्मद अजहर को ग्राम पंचायत से हटानकर किसी अन्य कंसल्टिंग इंजीनियर एवं तकनीकी सहायक  को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। वहीं फर्जीवाड़े में शामिल रोजगार सेवक पर भी मनरेगा एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए कृत कार्रवाई से सप्ताह भर के भीतर अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं।

ये भी पढ़ें - पीलीभीत: गाजियाबाद कांड के विरोध में गरजे अधिवक्ता...जुलूस निकालकर जमकर की नारेबाजी