दुष्कर्म मामले में अभिनेता सिद्दीकी को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

दुष्कर्म मामले में अभिनेता सिद्दीकी को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को करीब आठ साल पहले कथित दुष्कर्म के एक मामले में मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने 2016 की कथित घटना के संबंध में इतनी देरी से 2024 में मुकदमा दर्ज करने पर सवाल उठाया और यह भी कहा कि पीड़िता ने फेसबुक पर पोस्ट लिखने का साहस था, लेकिन उसने पुलिस से संपर्क नहीं किया।

अभिनेता सिद्दीकी पर एक युवा अभिनेत्री ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। आरोपी याचिकाकर्ता ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, केरल सरकार की ओर से रंजीत कुमार और पीड़िता की ओर से अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी अभिनेता को राहत दी और अंतरिम जमानत स्वीकार कर ली।

पीठ ने कहा कि वह मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जमानत के लिए विस्तृत कारण नहीं बता रही है। पीठ ने यह भी कहा कि कथित घटना 2016 में हुई थी और शिकायतकर्ता ने 2018 में कहीं फेसबुक पर पोस्ट करके कथित यौन शोषण के संबंध में अपीलकर्ता सहित 14 लोगों के खिलाफ आरोप लगाए थे और यह भी कहा था कि वह केरल सरकार द्वारा गठित हेमा समिति के पास नहीं गई थी।

सुनवाई के दौरान रोहतगी ने कहा कि अभिनेता एक वरिष्ठ नागरिक हैं और 2016 की घटना के बारे में आठ साल बाद 2024 में शिकायत दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अभिनेता ने महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने से एक दिन पहले 26 अगस्त, 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी।

उन्होंने यह भी दावा किया कि यह घटना एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी एक्टर्स और वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (डब्ल्यूसीसी) के बीच टकराव का नतीजा थी। वरिष्ठ अधिवक्ता रोहतगी ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने पुलिस के साथ सहयोग किया लेकिन उसके लिए 2016 में इस्तेमाल किए गए गैजेट को जमा करना संभव नहीं था।

उन्होंने यह भी दावा किया कि याचिकाकर्ता ने 2016 में एक फिल्म के पूर्वावलोकन के लिए नीला थिएटर में ही महिला से मुलाकात की थी। दूसरी ओर, पीड़िता की ओर से वकील ग्रोवर ने दावा किया कि अभिनेता ने 2014 में उससे संपर्क किया था और उसकी तस्वीरों को लाइक और उसे मैसेज करके उसे अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया था।

उसने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे एक फिल्म के पूर्वावलोकन के लिए बुलाया और उसे मैस्कॉट होटल ले गया और उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। अधिवक्ता ने दावा किया कि हेमा समिति की रिपोर्ट के प्रकाशन और केरल उच्च न्यायालय द्वारा इसका संज्ञान लेने के बाद महिला ने मुकदमा दर्ज कराने की हिम्मत जुटाई।

राज्य के वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स का विवरण प्राप्त करने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक था। यह उल्लेखनीय है कि पीड़िता (जो उस समय एक कम प्रसिद्ध अभिनेत्री थी) को फिल्म के पूर्वावलोकन के लिए क्यों बुलाया गया था।

शीर्ष अदालत ने 30 सितंबर को केरल उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सिद्दीकी को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था, जिसने दुष्कर्म के एक मामले में अग्रिम जमानत के लिए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता सिद्दीकी के खिलाफ मामला एक अभिनेत्री की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसने उन पर 2016 में तिरुवनंतपुरम के मैस्कॉट होटल में उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। 

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