Kanpur: धमनी में कितना थक्का व कैल्शियम, चलेगा पता, कॉर्डियोलॉजी अस्पताल में शुरू हुई ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी
कानपुर, अमृत विचार। धमनी के अंदर कितना थक्का जमा हुआ है, थक्के का प्रकार कैसा है, थक्के में कैल्शियम जमा है या नहीं, धमनी का कितना भाग बीमारी से ग्रसित है व ब्लॉक कितना बड़ा है। स्टेंट किस साइज और लंबाई का लेना है। स्टेंट सही से धमनी से चिपका है या नहीं और स्टेंट लगाते समय कोई धमनी में कट तो नहीं आया है। इन सब बातों का अब समय रहते पता चल सकेगा।
कॉर्डियोलॉजी अस्पताल में अब ओसीटी की सुविधा मिलेगी, जिससे भविष्य में होने वाली जटिलताओं पर रोक लगेगी। कॉर्डियोलॉजी अस्पताल में अब हृदय रोगियों को ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) की सुविधा मिलेगी, जिसकी मदद से ओसीटी इमेजिंग विधि द्वारा एंजियोप्लास्टी करने से ऑपरेशन की जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
साथ ही भविष्य में होने वाले जटिलताओं को भी रोका जा सकता है। संस्थान के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.अवधेश शर्मा ने बताया कि इस विधि से सटीकता के साथ एंजियोप्लास्टी को किया जा सकता है। ओसीटी (ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी) में इंफ्रारेड लाइट के द्वारा एक कैथेटर के माध्यम से हृदय की धमनी के अंदर जाकर पूरी धमनी की फोटोग्राफी की जा सकती है।
इससे कई गंभीर चीजों की जानकारी होने से और बेहतर इलाज होगा। हृदय की धमनियों में रुकावट हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है। यह रुकावट विभिन्न वजहों से आ जाती है, जिसमें हाई ब्लड प्रेशर, अनियंत्रित शुगर, गलत खानपान व अनियमित जीवन शैली है। हृदय की धमनियों के इस ब्लॉकेज का एंजियोग्राफी की जांच द्वारा पता लगाया जाता है।
एंजियोप्लास्टी में तकनीकी विकास काफी गति से हुआ है। संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि इस विधि द्वारा एंजियोप्लास्टी अब संस्थान में सुगमता से उपलब्ध है। डॉक्टरों की टीम के सदस्य डॉ. उमेश्वर पांडे, डॉ. एसके सिन्हा, डॉ. एमएम राजी के मुताबिक यह तकनीकी हार्ट अटैक के उपचार में मील का पत्थर साबित होगी।