Exclusive: लापरवाही और रफ्तार हादसों की सबसे बड़ी वजह, हेलमेट नहीं पहनने से अधिकांश लोगों की जाती जान

Exclusive: लापरवाही और रफ्तार हादसों की सबसे बड़ी वजह, हेलमेट नहीं पहनने से अधिकांश लोगों की जाती जान

कानपुर, गौरव श्रीवास्तव। औद्योगिक शहर कानपुर में सड़क हादसों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कारण हेलमेट न पहनना और तेज रफ्तार को माना जा रहा है। खासकर युवा बाइक सवारों के हेलमेट का उपयोग नहीं करने और लापरवाह तरीके से तेज रफ्तार बाइक दौड़ाने की आदतें सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बन रही हैं, जिससे हजारों लोगों की जान जा रही है। मौजूदा समय में यातायात माह चल रहा है। पुलिस सड़क पर उतरकर लोगों को जागरूक कर रही है, मगर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। 

कुछ वर्षों की बात की जाए को सबसे अधिक दुर्घटनाएं बाइक सवारों के कारण हुईं, जो अक्सर तेज रफ्तार और हेलमेट न पहनने के कारण गंभीर रूप से घायल हुए या अपनी जान गंवा बैठे। शहर में बाइक सवारों के लिए सड़क सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। हेलमेट की अनदेखी सारे नियमों को ताक पर रखना और तेज गति से वाहन चलाने के कारण तेजी से हादसों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। 

यातायात पुलिस का साफ कहना है, कि हेलमेट सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है, खासकर बाइक सवारों के लिए। सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक जानलेवा चोटें सिर पर ही आती हैं। सिर पर गंभीर चोट लगने से दुर्घटना में मृत्यु का खतरा 60% तक बढ़ जाता है। यही कारण है कि हेलमेट पहनने को अनिवार्य किया गया है। शहर में हेलमेट पहनने की आदत बहुत कम है, जिससे हर वर्ष कई जानें चली जाती हैं। 

पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, कानपुर में केवल 50% बाइक सवार हेलमेट पहनते हैं, जबकि बाकी 50% लोग इसे नजरअंदाज करते हैं। हेलमेट न पहनने के कारण हर वर्ष मृत्युदर और घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है। यदि हेलमेट का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह सिर की सुरक्षा करता है और दुर्घटना के दौरान होने वाली चोटों को काफी हद तक कम करता है।

क्या करें-क्या न करें

हेलमेट का प्रयोग जरूरी

शहर में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए यातायात पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, हेलमेट न पहनने वालों पर जुर्माना जरूर लगाया जाना चाहिए। 

रफ्तार पर काबू अहम

तेज रफ्तार पर नियंत्रण जरूरी है। इसके लिए पुलिस को नियमित रूप से अभियान चलाना चाहिए और रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। बालिग हो या नाबालिग उनके माता-पिता को सूचना देना चाहिए, ताकि आगे ऐसी गलती न कर सकें। 

सड़क सुधार भी जरूरी

शहर की सड़कों को सुरक्षित और यातायात के अनुकूल बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की आवश्यकता है। खराब सड़कों, अनियंत्रित यातायात, और अव्यवस्थित पार्किंग जैसी समस्याओं को दूर करना होगा।

जान की कीमत पहचानिए

हेलमेट न पहनने और तेज रफ्तार से सड़क हादसों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन, पुलिस और नागरिकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। अगर लोग अपनी सुरक्षा को गंभीरता से लें और यातायात नियमों का पालन करें, तो सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है और कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। हेलमेट पहनना और रफ्तार पर नियंत्रण रखना न केवल हमारी सुरक्षा के लिए, बल्कि समाज के लिए भी जिम्मेदारी का हिस्सा बनना चाहिए।

सड़क हादसों पर एक नजर

वर्ष        हादसे    मौत    घायल
2020    1321    653    868
2021    1546    740    1017
2022    1075    494    761
2023    1103    519    816
2024    721     280     421 (छह माह तक)

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