Barabanki News : केमिकल युक्त पानी से मर रहे लोग, सैंकड़ों बीमार

Barabanki News : केमिकल युक्त पानी से मर रहे लोग, सैंकड़ों बीमार

बाराबंकी, अमृत विचार : तहसील क्षेत्र के अछैछा गांव में भरा केमिकल युक्त पानी लोगों के लिए कहर बन गया है। एक पखवाड़े के अंदर सैकड़ों लोग बीमार हो गए। कई मौतें हो चुकी हैं। बीमारी की चपेट में आए लोग तेज बुखार और डेंगू से पीड़ित बताये जा रहे हैं। लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करके गांव में भरे केमिकल युक्त बदबूदार पानी से निजात दिलाये जाने की मांग की है।

बता दें कि ब्लॉक रामनगर की ग्राम पंचायत अछैछा में काफी संख्या में बुनकर समाज के लोग रहते हैं। उनके घरों में कपड़े रंगने की डाइंग इकाइयां लगी हुई हैं। जहां तरह-तरह के केमिकल युक्त रंगों से कपड़ों की रंगाई की जाती है। इसके बाद गंदा पानी नाले में होकर गांव के बीच स्थित तालाब में जाता है तथा नालियों में भरा रहता है। केमिकल युक्त पानी से जबरदस्त बदबू एवं सड़ांध फैली हुई है। आसपास के घरों में लगे हैंडपंपों में भी दूषित पानी आ रहा है। जिसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं। गांव में इस कदर के हालात पैदा हो गए हैं कि लगभग हर घर में कोई ना कोई बुखार से पीड़ित है।
गांव में हाहाकार मचने के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया, तब सीएचसी अधीक्षक मुकुंद पटेल स्वास्थ्य टीम के साथ पहुंचे और बुखार से जूझ रहे लोगों की जांच कर दवाइयां दी। बीते दिनों नर्सिंग छात्रा प्रज्ञा वर्मा एलाइजा टेस्ट में डेंगू पॉजीटिव आई तो दो स्वास्थ्य कर्मी ही पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना है कि बुखार के चलते गांव के कई लोग काल की गाल में समा गए हैं। लगातार बीमारी लोगों में फैल रही है, लेकिन विभागीय टीम आंख पर पट्टी बांधे हुए बैठी है।

बुखार से हुई मौत
अछैछा गांव में संदिग्ध बुखार से अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं। इनमें कुलदीप (30), आरती (30) व अनीता देवी (40) की मौत होने से ग्रामीणों में दहशत फैली है। गांव में फैले संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई उपाय न होने से संबंधित विभाग के प्रति लोगो में जबरदस्त आक्रोश है।

घरों में इलाज करा रहे लोग
ग्राम अछैछा के ग्रामीणों के मुताबिक सौरभ सिंह, प्रमोद कुमार, नंद किशोर, अमन वर्मा, रमेश चंद्र, हर्षित, नर्सिंग की छात्रा प्रज्ञा वर्मा डेंगू की चपेट में हैं। ऋषभ, मधु, पलक, दीपक, रानी, कामनी, आदित्य, शशि वर्मा, राहुल, गीता देवी सहित सैकड़ों लोग मलेरिया, टाईफाइड या फिर वायरल फीवर की चपेट में आ चुके हैं और निजी व सरकारी अस्पताल में उपचार कराकर घरों में पड़े हैं। खंड विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व गांव में एंटीलारवा, ब्लीचिंग पाउडर आदि का छिड़काव करवाया गया था। गांव में दोबारा टीम भेजी जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं का बहुत ही बुरा हाल
अछैछा गांव में पिछले एक पखवाड़े से सैकड़ो लोग जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया रहा। शुक्रवार को अधिकारियों की फटकार के बाद सीएचसी अधीक्षक मुकुंद पटेल की नींद टूटी और अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि रामनगर सीएचसी पर जब से वर्तमान अधीक्षक की तैनाती हुई है, स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतर गई है। स्वास्थ्य सेवाओं का बहुत ही बुरा हाल है। हाल ही में ही रामनगर में अवैध रूप से संचालित अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला की मौत हो गई थी।

दूसरे मामले में एक अन्य जगह आशा बहू प्रसव कराने ले गई थी, यहां हंगामा होने पर उसे वापस अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन सीएचसी अधीक्षक के द्वारा जांच के नाम पर मामले को रफादफा कर दिया गया। न अस्पताल संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई हुई और न अवैध तरीके से मरीजों को इलाज के लिये दूसरी जगहों पर ले जाने वाली आशाबहुओं पर। विभागीय सूत्रों के मुताबिक दोनों मामलों में भरपूर कीमत वसूली गई। इसके बाद कार्रवाई करने के बजाय मामले पर लीपापोती कर दी गई।

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