Kannauj News: 11 साल पहले हुई हत्या में पिता-पुत्र समेत छह को उम्रकैद...कोर्ट ने 61-61 हजार जुर्माना भी लगाया
वर्ष 2003 में रंजिशन घेरकर बोला गया था हमला
कन्नौज, अमृत विचार। करीब 11 साल पहले वर्ष 2003 में हुई हत्या की घटना में दोष सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) इंद्रजीत सिंह ने पिता-पुत्र समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक को 61-61 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश भी दिया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर सभी को एक-एक साल की कैद और भुगतनी होगी।
शासकीय अधिवक्ता ब्रजेश शुक्ल ने बताया कि 26 अक्टूबर 2003 की शाम करीब साढ़े चार बजे सुरेश कुमार दुबे अपने भाई विजय कुमार दुबे व रवींद्र कुमार दुबे के साथ बाजार जीटी रोड से घर आ रहे थे।
यह लोग जैसे ही डॉ. रामचंद्र शर्मा के घर के सामने पहुंचे तो यहां पहले से घात लगाकर बैठे तमंचों, अधिया व हाकियों से लैस गांव के राजीव कुमार पांडे उर्फ पप्पू पुत्र श्रीकांत पांडे, मनीष कुमार दीक्षित पुत्र विपिन बिहारी दीक्षित, पंकज पुत्र रामपाल सिंह, सुनील कुमार सिंह पुत्र रामपाल सिंह, विपिन बिहारी दीक्षित पुत्र राधेश्याम दीक्षित, रामचंद्र शर्मा पुत्र बच्चन लाल शर्मा, विनय शर्मा पुत्र रामचंद्र शर्मा, लला तिवारी पुत्र मुन्नालाल तिवारी निवासीगण कस्बा सिकंदरपुर थाना कोतवाली छिबरामऊ पहले चल रही रंजिश के चलते रोककर गालीगलौज करने लगे।
मनीष दीक्षित ने गाली देते हुए जान से मारने की बात कही। इसके बाद सभी आरोपी घेरकर जान से मारने की नीयत से फायरिंग करने लगे। घटना में गोली लगने से विजय की मौके पर ही मृत्यु हो गई। रवींद्र को भी हॉकियों से मारपीट कर घायल कर दिया। रास्ते से जा रहे मुन्ना पुत्र मुंशी खां को भी मारापीटा।
बाजार में हुई फायरिंग से दहशत फैल गई। लोगों ने मकान के दरवाजे व दुकानों के शटर बंद कर लिए। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी असलहे लहराते धमकी देते हुए भाग गए। मामले की रिपोर्ट सुरेश कुमार दुबे ने छिबरामऊ कोतवाली में दर्ज कराई थी।
मामले की विवेचना के बाद 8 जनवरी 2004 को आरोपियों राजीव कुमार पांडे, मनीष कुमार दीक्षित, सुनील कुमार, विपिन बिहारी दीक्षित, रामचंद्र शर्मा, विनय शर्मा, लल्ला तिवारी के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया।
सुनवाई पूरी होने के उपरांत विशेष न्यायाधीश ने राजीव कुमार पांडे, मनीष कुमार दीक्षित, विपिन बिहारी दीक्षित, सुनील कुमार, विनय शर्मा तथा लला तिवारी को उम्रकैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया। विनय शर्मा को आर्म्स एक्ट में दो साल की सजा व 3000 रुपये जुर्माना, मनीष दीक्षित व राजीव पांजे को आर्म्स एक्ट में दो-दो साल की सजा व 3000-3000 रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया।