पौड़ी: पुलिस ने माधव अग्रवाल और मुरली शर्मा को किया जिला बदर, विरोध में उठी राजनीतिक आवाज़ें
पौड़ी, अमृत विचार। पौड़ी जिले के स्वर्गाश्रम जौंक के निवर्तमान पंचायत अध्यक्ष माधव अग्रवाल और एक अन्य व्यक्ति मुरली शर्मा को पुलिस ने छह महीने के लिए जिला बदर कर दिया है। यह कार्रवाई गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत की गई है, जिसके मुताबिक दोनों को अब पौड़ी जिले की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, इस आदेश के बाद दोनों फरार बताए जा रहे हैं और पुलिस उनके खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई कर रही है।
निवर्तमान अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे चुनावी साजिश का हिस्सा करार दिया है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ जो राजनीतिक मुकदमे दर्ज हैं, वे पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं और इस कदम का उद्देश्य उन्हें आगामी चुनावी प्रक्रिया से बाहर करना है। अग्रवाल ने पुलिस कार्रवाई को न्यायालय में चुनौती देने का ऐलान किया है और दावा किया है कि उन्हें चुनाव से हटाने के लिए यह साजिश रची गई है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जिला बदर की कार्रवाई कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई है। थाना प्रभारी निरीक्षक रवि सैनी ने बताया कि पौड़ी डीएम कार्यालय से आदेश मिलने के बाद, पुलिस ने दोनों अभियुक्तों के घरों पर दबिश दी, लेकिन दोनों मौके से फरार हो गए। पुलिस ने उनके परिजनों को इस आदेश के बारे में सूचित किया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
वहीं, जिला बदर का आदेश छह महीने तक प्रभावी रहेगा और इस अवधि में दोनों व्यक्तियों को जिले की सीमा में प्रवेश करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह आदेश आमतौर पर उन लोगों के खिलाफ जारी किए जाते हैं, जो समाज में अशांति फैलाने या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के दोषी होते हैं।
इस मामले ने स्थानीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले के खिलाफ अदालत में क्या प्रतिक्रिया होती है। साथ ही, पुलिस की कार्रवाई और अग्रवाल द्वारा किए गए आरोपों के बाद आगे क्या घटनाक्रम होते हैं, इस पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं।
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