Jalaun: कर्ज से परेशान वर्कशॉप संचालक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात...

Jalaun: कर्ज से परेशान वर्कशॉप संचालक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात...

जालौन, अमृत विचार। आर्थिक तंगी व कर्जदारों से तंग कार वर्कशॉप संचालक ने रस्सी का फंदा गले में डालकर खुदकुशी कर ली। इससे पूर्व उसने सुसाइड नोट भी लिखकर रखा। जिसमें उसने कर्जदाताओं के नाम भी लिखे हैं। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वहीं, पुलिस सुसाइड नोट की भी जांच कर रही है। 
 
जनपद कानपुर देहात के सिकंदरा निवासी निसार अली (45) हाल निवास मोहल्ला तोपखाना लगभग दो वर्ष पूर्व परिवार के साथ जालौन आ गए थे। वह अनस गेस्ट हाउस के पास किराए के मकान में रह रहे थे। साथ ही औरैया रोड पर चुंगी नंबर नंबर चार के आगे एमए मोटर्स मल्टी ब्रांड वर्कशॉप खोला था। जहां वह कारीगरों से डेंटिंग पेंटिंग और अन्य कार्य कराते थे। लेकिन जैसी उम्मीद उन्हें वर्कशॉप के चलने की थी वैसा वह चला नहीं। जिसके चलते उन पर काफी कर्ज हो गया था। 
 
यह कर्ज बढ़ता ही जा रहा था। मोहल्ले के लोगों के अनुसार शुक्रवार की सुबह वह घर से नमाज पढ़ने के लिए निकले थे। नमाज पढ़कर वह सीधे वर्कशॉप चले गए। जहां उन्होंने रस्सी से फांसी का फंदा बनाकर टिन शैड पर बांध दिया। इसके बाद गले में फंदा डालकर वह उस पर लटक गए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सुबह जब काम के लिए कुछ लोग वर्कशॉप पर पहुंचे तो उनके शव को फांसी के फंदे पर लटका देखकर पुलिस को सूचना दी। 
 
सूचना मिलते ही सीओ शैलेंद्र बाजपेई, कोतवाल वीरेंद्र पटेल पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। जहां पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा था कि वह आर्थिक रूप से परेशान हैं। उन पर कर्जदारों का बोझ है। वर्कशॉप का काम नहीं चलने की वजह से वह कर्ज चुका नहीं पा रहे हैं और भविष्य में भी वर्कशॉप के चलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। ऐसे में उन्होंने लिखा कि उनके वर्कशॉप का सामान बेचकर कर्जदारों का कर्ज चुका दिया जाए। बाकी जो रुपये बचे तो वह उनके बच्चों को दे दिए जाएं।