बरेली: शिशु सरंक्षण दिवस...छह महीने में 234 शिशुओं की थम गईं सांसें
जिला महिला अस्पताल में गंभीर हालत में पहुंच रहे बच्चे
गर्भवतियों को जागरूक करने वाली समिति का पता नहीं
बरेली, अमृत विचार। शासन की ओर से शिशु-मृत्यु दर कम करने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, हर अस्पताल में शिशु सरंक्षण समिति का गठन कर दिया गया है, इसके बाद भी शिशु-मृत्यु दर का ग्राफ बढ़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार पिछले छह महीने में जिला महिला अस्पताल जन्मे और गंभीर हालत में आने वाले 234 शिशुओं की मौत हो चुकी है। औसतन हर महीने 40 से अधिक शिशु की मौत हो रही है।
देहात के स्वास्थ्य केंद्रों से प्रसव के बाद गंभीर हालत में शिशुओं को जिला महिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। यहां 234 नवजात ने इलाज के दौरान दम तोड़ा है। यह आंकड़ा वर्ष 2024 के जून से अक्टूबर तक का है। मासूमों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। शिशु-मृत्यु दर कम करने के प्रयास हवाई साबित हो रहे हैं।
ये है समिति का कार्य
विभागीय अधिकारियों के अनुसार समिति के ओपीडी में आने वाली गर्भवतियों को जांच के दौरान से ही स्वस्थ बच्चे के जन्म को लेकर जागरूक करना है। पोषण आहार, संतुलित दिनचर्या के साथ ही समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच समेत अन्य बिंदु के बारे में जानकारी देना है। प्रसव के बाद अगर किसी कारण वश नवजात की मौत हो जाती है तो इसका ऑडिट कर ये पता लगाना है कि किस कारण से बच्चे की मौत हुई है।
लगातार लोगाें को कर रहे हैं जागरुक
जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डा. त्रिभुवन प्रसाद का कहना है कि शिशु सरंक्षण को लेकर लगातार स्टाफ मरीजों को जागरूक कर रहा है। वहीं बीते सालों की तुलना में अस्पताल में शिशु मृत्यु दर घटी है। जिन बच्चों की मौत हुई है, इनमें अधिकांश देहात से गंभीर हालत में रेफर किए गए थे।