Lucknow: कराना है इलाज तो करना होगा 4 से 5 घंटे का इंतजार
लखनऊ, अमृत विचार: ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय के चेस्ट विभाग की ओपीडी में टीबी रोग सहित सांस से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा। डॉक्टर की शिथिल कार्यशैली के कारण 4 से 5 घंटे के इंतजार के बाद भी मरीजों का नंबर नहीं आता। बैठने के लिए भी पर्याप्त कुर्सियां न होने के कारण सांस के रोगी घंटों तक खड़े होने पर मजबूर हो रहे।
ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय के इमरजेंसी के सामने ही चेस्ट विभाग की ओपीडी संचालित होती है। मंगलवार को ओपीडी में डॉ. रवि शेखर मरीजों को देख रहे थे। ओपीडी का संचालन सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक होता है। दोपहर 1:30 बजे तक यहां करीब 70 मरीज अपनी बारी के इंतजार में परेशान दिखे। बालागंज के बरौरा के रहने वाले मरीज कयामुद्दीन को भी टोकन नंबर-7 मिला था। कयामुद्दीन ने बताया कि वह 9 बजे से ओपीडी में खड़े हैं। बैठने की भी व्यवस्था न होने के कारण उनकी सांस फूल रही है। दोपहर के 1:30 बजने वाले हैं। अभी तक उनका नंबर नहीं आया। ऐसे ही काकोरी के शैलेन्द्र और दाउदनगर के सत्यप्रकाश ने भी 4 से 5 घंटे से इंतजार करने की बात कही।
बाहर की लिखी जा रही दवाएं
चेस्ट विभाग की ओपीडी में बाहर की भी दवाएं धड़ल्ले से लिखी जा रहीं। मरीज कयामुद्दीन के पर्चे पर तीन दवाएं बाहर की लिखी गईं। मरीज का पंजीकरण नंबर 20240001753 है। वहीं, तीमारदार संतोष यादव, राजेश कुमार और प्रीति ने बताया कि उनके भी मरीजों को बाहर की दवाएं लिखी गईं हैं। यह दवाएं काफी महंगी हैं।
मेरी ओपीडी में 80 से 100 मरीज रोजाना आते हैं। ओपीडी के बीच में वार्ड में भी राउंड लेना पड़ता है। इमरजेंसी में कोई केस आने पर वहां जाना पड़ता है। इसलिए ओपीडी के मरीजों को थोड़ा इंतजार करना पड़ता है। किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जाता। बाहर की दवा लिखने का आरोप गलत है।
-डॉ. रवि शेखर, चेस्ट विभाग