सिगरेट पीने से ज्यादा खतरनाक है कुर्सी पर बैठना, पद्मश्री डॉ शशांक ने डायबिटीज के लिए प्लास्टिक और कैमिकल को बताया जिम्मेदार

सिगरेट पीने से ज्यादा खतरनाक है कुर्सी पर बैठना, पद्मश्री डॉ शशांक ने डायबिटीज के लिए प्लास्टिक और कैमिकल को बताया जिम्मेदार

लखनऊ, अमृत विचार। भारत में डायबिटीज पीड़ितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। करीब 236 मिलियन लोग डायबिटीज और प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं। उत्तर प्रदेश में भी डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में इस संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। इसके पीछे की वजह उत्तर प्रदेश में प्री-डायबिटीज लोगों की संख्या अधिक होना है। यह जानकारी मधुमेह विशेषज्ञ व एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, पद्मश्री प्रोफेसर (डॉ.) शशांक आर. जोशी ने दी है।

पद्मश्री प्रोफेसर (डॉ.) शशांक आर. जोशी ने बताया कि डायबिटीज के लिए आनुवांशिक और जीवनशैली से जुड़े कारण तो जिम्मेदार हैं ही। इसके अलावा गलत खानपान और प्लास्टिक वर्तनों का प्रयोग भी मधुमेह के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि सुविधाओं के बढ़ने के साथ लोग शारीरिक कार्य कम कर रहें। वहीं कृषि में रसायन का बढ़ता प्रयोग भी लोगों में डायबिटीज के खतरे को बढ़ा रहा है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि कुर्सी पर लगातार बैठे रहना भी डायबिटीज के लिए जिम्मेदार है। यह सिगरेट पीने से भी ज्यादा खतरनाक है। इसलिए कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों को विशेष सावधान रहना चाहिए। हर घंटे कम से कम पांच मिनट टहलना चाहिए।

बचाव के लिए उठायें यह कदम

डॉ. शशांक ने बताया कि डायबिटीज से बचाव के लिए भोजन कम करना चाहिए, साथ ही धीरे-धीरे खाना चाहिए, कोशिश करें कि सात्विक भोजन करें। इसके अलावा सब्जियों और मौसमी फलों को भोजन में शामिल करें, हो सके तो भोजन में सब्जियों और फलों की मात्रा अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा शारीरिक व्यायाम और सात घंटे की नींद डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कम कर देगी।

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