लिखित आदेश पर अड़ा संघ, स्कूलों के निजीकरण का आरोप 

50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने का मामला, शासन के बैकफुट पर आने के बाद भी छिड़ी रार 

लिखित आदेश पर अड़ा संघ, स्कूलों के निजीकरण का आरोप 

अयोध्या, अमृत विचारः 50 छात्रों से कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के मामले में शासन द्वारा सफाई दिए जाने के बाद भी रार छिड़ी हुई है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शासन पर गोपनीय ढंग से स्कूलों के निजीकरण का आरोप लगाते हुए, लिखित में आदेश वापस लेने की मांग की गई है। संघ का कहना है कि जब बंद करने का आदेश लिखा-पढ़ी में दिया गया तो केवल ट्विटर पर इंकार करने से काम नहीं चलने वाला है।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक जिलाध्यक्ष नीलमणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई। जिलाध्यक्ष ने 50 से कम छात्र सँख्या वाले विद्यालयों को बंद करने के महानिदेशक के आदेश को बच्चों के अधिकार के प्रतिकूल बताया। यद्यपि कि प्रदेश अध्यक्ष दिनेशचन्द्र शर्मा की आपत्ति के बाद विभाग बैकफुट पर आया है, लेकिन जब तक लिखित आदेश नहीं जारी होता हम लोग स्वीकार नहीं करेंगे।

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प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृत्व में ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक के शिक्षक इस आदेश का विरोध करेगा। संचालन करते हुए जिला मंत्री डॉ चक्रवर्ती सिंह ने कहा कि विभाग में बैठे हुए अधिकारी लगातार निजीकरण का रास्ता तलाश रहे हैं। स्कूल की स्थापना के समय छात्र सँख्या का कोई मानक नहीं था। दूरी के हिसाब से विद्यालयों की स्थापना की गयी थी जिसका उद्देश्य था कि छोटे छोटे बच्चों को शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े, लेकिन विभागीय अधिकारी सरकार की आंखों में धूल झोंककर नौनिहालों को शिक्षा से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं।

सभी से आंदोलन के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। बैठक में ओम प्रकाश यादव, सत्येंद्र गुप्ता, अविनाश पांडेय, अजय सिंह, महेंद्र यादव, सन्तोष यादव, अनिल सिंह, आरिफ खान, शैलेंद्र वर्मा, समीर सिंह, सत्येंद्र पाल् सिंह, भगवती यादव, उद्धव श्याम तिवारी, संजय सिंह, रविन्द्र गौतम, प्रवेश कुमार, रविन्द्र वर्मा, धर्मवीर चौहान, अभिषेक यादव, संचराज वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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