बरेली: 'बटोगे तो कटोगे'...मुख्यमंत्री के इस बयान को हिंदुत्व के नजरिए से ना देखा जाए

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने किया मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन

बरेली: 'बटोगे तो कटोगे'...मुख्यमंत्री के इस बयान को हिंदुत्व के नजरिए से ना देखा जाए

बरेली, अमृत विचार। एक तरफ जहां विपक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बटोगे तो कटोगे' वाले बयान की आलोचना कर रहा है तो दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन सीएम के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को बड़े परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।

ये बात उस वक्त कही गई थी जब बांग्लादेश जल रहा था और छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार गिरा दी गई थी। मौलाना ने कहा कि मुख्यमंत्री का ये नारा भारतीयता का प्रतीक है, ये किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं है,  बल्कि सभी हिंदुस्तानियों के लिए है। वह सभी लोगों से भी कहना चाहते हैं कि इसको सिर्फ हिंदुत्व के नजरिए से न देखा जाए।

उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटोगे तो कटोगे वाली बात सभी देशवासियों के लिए कही। फिर चाहें वो हिन्दू, मुस्लिम, सिख या ईसाई क्यों न हो। सभी संप्रदाय के लोग आपस में मिलजुलकर रहें और बटे नहीं। अगर बटे तो देश का नुकसान होगा। बांग्लादेश की तरह अराजक तत्व और कट्टरपंथी विचारधारा के लोग देश को अस्थितर कर देंगे। लिहाजा देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोग एकता बनाकर रहें। मौलाना ने कहा मुख्यमंत्री के बयान को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ देखना चाहिए। पसमंजर को इस तरह समझने की जरूरत है कि 1857 से लेकर 1947 तक की तमाम आजादी की जंगों में हिन्दू और मुसलमानो ने कंधे से कंधा मिलाकर देश को आजाद कराया। देश की आजादी में किसी समुदाय की कुर्बानी को कम नहीं आका जाना चाहिए। हमारी एकता का ही नतीजा है कि हम आज आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। 

एकता अखंडता के लिए सभी नागरिक आगे आएं
मौलाना ने आगे कहा की मुख्यमंत्री के बयान को इस परिपेक्ष्य में भी देखा जाना चाहिए, कि अगर पड़ोसी देश भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं और अपनी जमीन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए देते हैं, तो ऐसी सूरत-ए-हाल में भारत में रहने वाले सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बन जाती है कि भारत के हितों और उसकी एकता और अखंडता के लिए सभी धर्म के लोग उठ खड़े हों।