लालकुआं में 200 से अधिक प्रतिष्ठानों पर बेदखली नोटिस चस्पा
लालकुआं, अमृत विचार। तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज के वन कर्मियों ने लालकुआं स्थित ट्रांसपोर्ट नगर और वीआईपी गेट क्षेत्र में 200 से अधिक प्रतिष्ठानों पर बेदखली का नोटिस चस्पा किया है। उन्होंने सात अक्टूबर तक वन भूमि से अतिक्रमण स्वयं हटाने की चेतावनी दी है। इधर, नोटिस चस्पा होने से नगर में हड़कंप मच गया है।
नोटिस में कहा गया है कि उक्त लोग आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि पर अनाधिकृत रूप से काबिज हैं। सभी तथ्यों एवं पत्रावली में मौजूद अभिलेखों एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 (उत्तरांचल संशोधन 2001) की धारा 20 के प्रावधानों को देखते हुए उक्त लोग आरक्षित वन भूमि पर अवैध कब्जा कर अप्राधिकृत अध्यासन में हैं, जबकि इस भूमि में काबिज लोगों के पास अतिक्रमित की गई भूमि के संबंध में कोई वैध अभिलेख व दस्तावेज नहीं हैं।
पर्याप्त अवसर देने के बाद भी काबिज लोग उक्त भूमि के स्वामित्व के संबंध में कोई ठोस अभिलेख व दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सके। अतिक्रमित क्षेत्र आरक्षित वन भूमि है, जिस पर यहां रहने वालों का अवैध कब्जा सिद्ध होता है। जिसके अन्तर्गत अतिक्रमणकारियों को बेदखल किया जाना न्यायोचित है।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी यूसी तिवारी ने बताया कि वन विभाग ने आरक्षित टांडा ब्लॉक की भूमि से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने का आदेश पारित किया है। उन्हें सात अक्टूबर या उससे पूर्व भूमि को खाली करने के आदेश दिये हैं। समयावधि बीतने के बाद वन विभाग बल प्रयोग कर भूमि खाली करायेगा।
जिसमें आने वाले खर्च का भुगतान अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा। उधर, भाजपा नेता इस्तकार अंसारी और समाजसेवी प्रकाश कुमार का कहना है कि उक्त क्षेत्र में 50 से अधिक वर्षों से लोग अपने प्रतिष्ठान चल रहे हैं। यदि उक्त लोगों को बेदखल किया गया तो सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी छिन जाएगी।
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