Year Ender 2024: हादसों से भरा रहा साल 2024, हावी रही राजनीति, भ्रष्टाचारियों पर कसा गया शिकन्जा

Year Ender 2024: हादसों से भरा रहा साल 2024, हावी रही राजनीति, भ्रष्टाचारियों पर कसा गया शिकन्जा

डी.पी.शुक्ल, लखनऊ, अमृत विचार। संभल और बहराइच जैसी हिंसात्मक घटनाओं के साथ वर्ष 2024 का समय समाप्ति की ओर बढ़ चला है। जहां एक तरफ महिला संबंधी अपराधों में झड़ी लगी रही,वहीं दूसरी तरफ हत्याओं की वारदातों से लोगों में भय का माहौल बना रहा। हालाकि लूट,रोड-होल्डप और डकैती में कमी देखने को मिली,परन्तु प्रदेश में कई जिलों में चोरी की घटनाओं ने पुलिस की गस्त व्यवस्था पर सवालिया निशान भी छोड़ दिया। इसी तरह साइबर अपराधों पर नजर डाली जाय तो इस तरह की घटनाओं में बेहताशा वृद्धि हुई है। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी जमकर लगे, कईयों को तो जेल भी जाना पड़ा। जनता की सुरक्षा का ढिढोरा पीटने वाली पुलिस पर इस वर्ष यौन शोषण के बहुत सारे मामले भी सामने आये। पुलिस अभिरक्षा में हुई दर्जनों से अधिक मौतों ने सुरक्षा की भावना को तार-तार कर दिया। न्याय न मिल पाने की वजह से कई लोगों को लखनऊ आकर आत्मदाह करके अपनी जान तक गवानी पड़ी। । इसके अलावा इस वर्ष सुल्तानपुर समेत कई जिलों में हुए कथित पुलिस मुठभेड़ पर भी गंभीर आरोप लगे। सैकड़ों की संख्या में पुलिस कर्मियों को भ्रष्टाचार निवारण संगठन और सर्तकता विभाग की टीम ने सैकड़ों की संख्या में अधिकारियो और कर्मचारियों को घूस लेते गिरफ्तार किया है। इस वर्ष ट्रेन हादसे ही घटनाएं अधिक हुई। 18 जुलाई को गोण्डा में, 19 जुलाई को गुजरात के बलसाड़ में, 20 जुलाई को अमरोहा में 21 जुलाई को राजस्थान के अलवर में, 21 जुलाई को बंगाल में, 27 जुलाई को छत्तीशगढ़ में, 29 जुलाई को विहार में तथा 30 जुलाई को झाड़खण्ड में ट्रेन हादसे हुए जिसमें सैकड़ो लोगों की जान चली गयी। इसी तरह इस वर्ष सड़क हादसों में भी सैकड़ों की संख्या में लोगों की जान चली गयी।

2024 में हुई बड़ी घटनाएं
24 नवम्बर को संभल में मस्जिद के सर्वे पर हुए खूनी हिंसा में पाचं लोगों की जान चली गयी। यहां पर आगजनी,पथराव,फायरिंग से दर्जनों की संख्या में पुलिस और प्रशासनिक के लोग घायल हो गये। 13 अक्टूबर को बहराइच महसी तहसील स्थित महराजगंज कस्बे में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई खूनी हिंसा में रामगोपाल मिश्र को गोलियों से छलनी कर दिया गया। इसी तरह 05 नवम्बर को वाराणसी के भदैनी के राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, पत्नी नीतू, बच्चे नमेन्द्र, सुरेन्द्र और गारांगी की निर्मम हत्या कर दी गयी। 26 अक्टूबर को राजधानी के चिनहट कोतवाली के हवालात में बंद मोहित की मौत हो गयी। इस घटना में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। 04 अक्टूबर को अमेठी के शिवरतनगंज में शिक्षक सुनील कुमार, पत्नी पूनम और दो बच्चे सृष्टि, समीक्षा को गोलियों से भून दिया गया। 28 सितम्बर को सुल्तानपुर जनपद के चौक में ठठेरी अर्न्तगत सर्राफा की दुकान में धावा बोलकर बदमाशों ने मालिक और उसके पुत्र को बंधक बनाया और तिजोरी तथा काउन्टर में से लाखों के जेवर लूटकर भाग निकले। गाजियाबाद में 16 अगस्त को अपहरण कर वास्तुकार की छ: टुकड़ों में शव बरामद हुआ। हत्या का कारण प्रेम प्रसंग बताने वाली पुलिस ने 24 अगस्त को पवन,वंश और प्रेमिका अंजली को गिरफ्तार किया। अगस्त के महीने में नोयडा में नैनीताल बैंक का सर्वर हैककर 17 करोड़ रुपये निकाल लिए गये। इस घटना में पुलिस ने बीजेपी युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष हर्ष बंसल को गिरफ्तार किया। बताया जाता है कि बंसल का भाई शुभम नैनीताल बैंक का सीए था। दोनों भाइयों ने फर्जी फर्म बनाकर उक्त बैंक से रूपये ट्रांसफर करवा लिए।

अफसरों ने की आत्महत्या
बुलन्दशहर में सीबीआई छापे के बाद 20 अगस्त को पोस्टआफिस के अधीक्षक टीपी सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मौके से बरामद सुसाइट नोट में दफ्तर के कई लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। इसी तरह इसी उक्त आफिस में तैनात डाककर्मी राहुल कुमार ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। ढाई करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई ने दो दिन पूर्व ही राहुल से पूछ ताछ की थी। बरामद सुसाइट नोट में राहुल ने अपने को निर्दोष बताया है। पर्वतन निदेशालय दिल्ली के अफसर आलोक रंजन ने ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी। 7 अगस्त को आलोक को सीबीआई ने घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। फतेहपुर के थरियांव थाने में तैनात सिपाही जौनपुर की प्रिया सरोज ने अपने मंगेतर से फोन पर बात करने के बाद आत्महत्या कर ली। 16 जुलाई को गांव की युवती के द्वारा ब्लैकमेल करने से दुखी होकर गाजियाबाद में सिपाही पम्मी ने गोली मारकर सुसाइट किया।

दागदार हुई खाकी
बलिया में वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने आजमगढ़ रेन्ज के डीआईजी वैभव कृष्ण के साथ थाना नरही में छापा मारा तो इंस्पेक्टर के कमरे से ट्रक चालकों से लाखों रूपये बरामद हुआ। बताया जाता है कि नरही क्षेत्र के भरौली तिराहे पर बड़ी संख्या में बक्सर विहार की तरफ से बलिया में आने वाले वाहनों से प्रतिदिन लाखों की वसूली पुलिस कराती है। इस संबंध में मौके से कई पुलिस कर्मियों को अधिकारियों ने गिरफ्तार किया। थाना नरही में पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराई गयी है। 18 जुलाई को अलीगढ़ के गभाना क्षेत्र में गोकशी की तलाश में गये सिपाही की संदिग्ध हालत में गोली लगने से मौत हो गयी।

प्रदेश वासियों को नववर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं। उत्तर-प्रदेश में अपराध की बड़ी घटनाओं में तेजी से कमी आयी है,जिसका श्रेय विभाग के हर पुलिसकर्मी को जाता है। शासन की मंशा के अनुरुप जनता को भय मुक्त समाज देने के लिए हम संकल्पित हैं।
–प्रशान्त कुमार, डीजीपी

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