Diwali 2024: धनतेरस पर बरसीं लक्ष्मी, खिला कारोबार, 2,380 करोड़ का व्यापार
देर रात तक ग्राहकों से पटे रहे राजधानी के सभी प्रमुख बाजार, देखें तस्वीरें
लखनऊ, अमृत विचार: धनतेरस की खरीदारी के लिए राजधानी के बाजारों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ने से कारोबार खिल गया। शुभ मुहूर्त के समय ग्राहकों ने दिल खोलकर खरीदारी की। सराफा, इलेक्ट्रानिक्स, बर्तन, वाहन, कपड़ा, मोबाइल, सजावट के सामान, प्रापर्टी समेत सभी बाजारों में 2,380 करोड़ का व्यापार हुआ। सबसे ज्यादा 500 करोड़ का कारोबार प्रापर्टी का हुआ। 250-250 करोड़ का इलेक्ट्रानिक्स व आटोमोबाइल और 25 करोड़ का चूरा, गट्टा खील बिका। अमीनाबाद, नजीराबाद, हजरतगंज, चौक, रकाबगंज, यहियागंज, गोमतीनगर, अलीगंज, पत्रकारपुरम, आलमबाग, नाका हिंडोला, गणेशगंज समेत सभी बाजारों में रात तक खरीदारी का दौर चलता रहा। यहियागंज बर्तन बाजार में बर्तनों की खनक देर शाम में सुनने को मिली। लोगों ने आज वाहनों की सिर्फ डिलीवरी ली। रात तक वाहनों के शोरूम खाली हो गए। न गोदाम में गाड़ियां थी न शोरूम में। यही हाल सर्राफा और इलेक्ट्रानिक्स बाजार का रहा। श्रीराम टावर, इंदिरानगर, हजरतगंज समेत शहर के सभी प्रमुख बाजारों में मोबाइल और लैपटॉप भी जमकर बिके।
175 करोड़ का मोबाइल, एसेसरीज और लैपटॉप का व्यापार
इलेक्ट्रानिक्स बाजार में धूम रही। श्रीराम टावर में रात तक मोबाइल खरीदाने वालों का हुजूम रहा। यूपी मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जौहर ने बताया कि 175 करोड़ रुपये का मोबाइल और इससे जुड़ी एसेसरीज का व्यापार राजधानी में किया गया। इसके अलावा लैपटॉप और इनसे जुड़े कई आर्टिकल भी बहुतायत में बेचे गए।
सर्राफा बाजार की बढ़ी चमक
चौक सर्राफा के अध्यक्ष कैलाश नाथ जैन और सिद्धार्थ ने बताया कि कारोबार अच्छा रहा है। रात तक दुकानों पर खरीदार रहे। हल्की और डिजाइनर ज्वेलरी की डिमांड रही। सोने की गिन्नी और चांदी के सिक्के खूब बिके। लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन के विनोद महेश्वरी के मुताबिक बाजार रात तक गुलजार रहे। चांदी और गिन्नी के खरीदार काफी रहे। लखनऊ सर्राफा के संयुक्त मंत्री एवं चौक के कारोबारी आदीश जैन ने बताया कि सर्राफा का नॉन ब्रांडेड ज्वेलरी, सिक्का, गिन्नी आदि का कारोबार करीब 200 करोड़ रुपये का रहा। वहीं ब्रांडेड के शोरूम अपना आंकड़ा जारी नहीं करते हैं लेकिन इससे कम का कारोबार नहीं रहा है। देर शाम चांदी के सिक्के खत्म हो गए। उसके बाद सिक्कों की नई खेप मंगा कर ग्राहकों की डिमांड पूरी की गई। वहीं, इब्जा के नार्थ इंडिया हेड अनुराग रस्तोगी ने बताया कि बाजार बेहतरीन रहा। युवाओं और नए जोड़ों ने खासतौर पर शेयर मार्केट की तरह सोने में निवेश को लेकर खरीदारी की। सोना में पैसे का इंवेस्टमेंट हमेशा लाभप्रद रहा है।
वाहनों से खाली हुए शोरूम हुए खाली, 567 वाहनों की डिलीवरी
शुभ मुहूर्त को लेकर पहले कराई गई वाहनों की बुकिंग की डिलीवरी आज धनतेरस पर लोगों ने उठाई। 567 गाड़ियां पंजीकृत की गई हैं। ज्यादातर ग्राहकों ने वाहनों का पूजन कर उन्हें शोरूम से बाहर निकाला। नारियल तोड़ अपने परिवारीजनों के साथ वाहनों की डिलीवरी की कंपनियों में फोटो शूट कराई गई। कई जगहों पर अभिभावकों ने पहले बच्चों को चार पहिया वाहन में बिठाकर उनकी फोटो खींची। धनतेरस के अवसर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में खूब धूम रही। गोदाम हो या शोरूम सभी स्थानों पर शाम होते-होते गाड़ियां खत्म हो गईं। इस बार इवी वाहनों की बिक्री में धनतेरस पर 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन देर रात तक चलता रहा। शाम छह बजे तक करीब 567 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इसमें से 287 चार पहिया और 188 दो पहिया वाहनों की संख्या है। 112 इलेक्ट्रिक व्हीकल भी रजिस्टर्ड हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि देर शाम तक यह सिलसिला जारी रहा। शाम होने के साथ ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन की गति भी बढ़ती जा रहा है। एक अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक 23,516 वाहनों की बिक्री हुई है।
बीएमडब्ल्यू और आडी क्यू बाहर आईं, तीन लाख की मोटरसाइकिल भी बिकी
राजधानी के शोरूम में सबसे महंगी कार मंगलवार को 2.65 करोड़ रुपये की बीएमडब्ल्यू की एक्सएम कार का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसका रजिस्ट्रेशन सोमवार को हो गया था, लेकिन धनतेरस के मौके पर इसे शोरूम से बाहर निकाला गया। इसके 70 लाख की कीमत की ऑडी कार का भी रजिस्ट्रेशन हुआ है। ऑडी की 70 लाख रुपये की गाड़ी सड़कों पर आई। वहीं बीएमडब्ल्यू की 3 लाख की मोटर साइकिल बिकी। इसके अतिरिक्त कई महंगे वाहनों का पंजीकरण अभी तक नहीं हो पाया है।
धनतेरस पर 600 से अधिक हुई रजिस्ट्रियां
धनतेरस पर जहां एक ओर सामान की खरीदारी हुई वहीं दूसरी ओर संपत्तियों की खरीदारी और रजिस्ट्री की होड़ मची रही। सुबह से शाम तक जिले में 600 से ज्यादा उपनिबंधक कार्यालयों में रजिस्ट्री कराई गई। इनमें आवासीय, व्यवसायिक भवन व भूमि एवं कृषि योग्य भूमि शामिल है। सबसे अधिक सदर व सरोजनी नगर कार्यालय में 250-250 रजिस्ट्री हुईं हैं।
पटाखा कारोबार ने पकड़ी रफ्तार, रात तक होती रही खरीदारी
पटाखा का थोक कारोबार पहले से ही चल रहा था शहर के अलग-अलग इलाकों के लिए अब 1,050 फुटकर लाइसेंस भी जारी हो गए हैं। लखनऊ फायर वर्क्स डीलर एसोसिएशन के वरिष्ठ महामंत्री सतीश मिश्रा ने बताया कि कारोबार शुरू हो गया है। दीपावली तक पूरा कारोबार 50 करोड़ के इर्द-गिर्द रहने की उम्मीद है। लखनऊ फायर वर्क्स डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश चंद्र गुप्ता के मुताबिक थोक बाजार और फुटकर कारोबार की मानें तो अभी कहना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन अब पटाखा व्यापार रफ्तार पकड़ रहा है। दीपावली की रात तक 50 करोड़ से ऊपर का व्यापार हो जाएगा। पटाखा व्यवसाय से जुडे़ पुराने कारोबारी एवं एसोसिएशन के सदस्य गुलशेर आजाद के मुताबिक बताते हैं कि दीपावली तक फुटकर कारोबार में रौनक रहेगी।
फर्नीचर | 100 करोड़ |
पटाखा | 55 करोड़ |
बर्तन बाजार | 150 करोड़ |
ऑटोमोबाइल | 250 करोड़ |
दिया, खील और चूरा | 25 करोड़ |
मिठाई और ड्राईफ्रूट्स | 250 करोड़ |
झालर और डिजाइनर लाइट | 100 करोड़ |
कपड़ा, पर्दे, कुशन कवर, रेडीमेड गारमेंटस | 200 करोड़ |
मोबाइल, एसेसरीज और लैपटॉप और अन्य गैजेट्स | 175 करोड़ |
आवासीय, व्यवसायिक भवन व भूमि एवं कृषि योग्य भूमि | 500 करोड़ |
सजावट, फूल, माला,धूप, अगरबत्ती समेत अन्य पूजन सामग्री | 125 करोड़ |
इलेक्ट्रानिक्स आइटम (फ्रिज, वॉशिंग मशीन, गीजर, टीवी आदि) | 250 करोड़ |
सराफा बाजार (ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड ज्वेलरी के अलावा सिक्के, गिन्नी) | 200 करोड़ |
कपड़ा कारोबार 200 करोड़ का
उप्र. कपड़ा उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी बताते हैं कि इस त्योहारी सीजन में कपड़ा कारोबार बेहतर रहा। लखनऊ और आसपास का कारोबार करीब 175 से 200 करोड़ के आसपास रहा। रेडीमेड गारमेंटस को मिलाएंगे तो आंकड़ा और बढ़ जाएगा। वहीं स्वदेशी मार्केट और लखनऊ व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष एवं कपड़ा कारोबारी प्रभू जालान कहते हैं कि कारोबार बेहतर रहा। हर सिगमेंट के खरीदार बाजार में बहुतायत में दिखे। चाहे वह सजावट से जुडे़ कपड़े के आइटम मसलन पर्दे, कुशन कवर, चादर आदि हो तो साड़ी और लहंगा बाजार में भी रौनक रही। आगे सहालग भी है तो लोग उसे देखते हुए भी खरीदारी कर रहे हैं। कह सकते हैं कि तकरीबन 200 करोड़ रुपये की बिक्री का आंकड़ा इस बार बाजार ने छुआ है।