आखिर कब है दिवाली 31 या 1 को? जानिए देश के प्रतिष्ठिच ज्योतिषाचार्यों से, क्या है पूजा मुहूर्त... कौन से हैं शुभ योग

आखिर कब है दिवाली 31 या 1 को? जानिए देश के प्रतिष्ठिच ज्योतिषाचार्यों से, क्या है पूजा मुहूर्त... कौन से हैं शुभ योग

लखनऊ, अमृत विचारः दिवाली गुरुवार 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। इस पर नेपाल से लेकर संपूर्ण भारत के ज्योतिषाचार्य और पंचांगकार एकमत हैं। मंगलवार को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में नेपाल और भारत के 100 ज्योतिषियों और पंचांगकारों की ऑनलाइन सभा हुई। इसमें भारतीय पंचांग की परंपरा और ग्रन्थों के गहन मन्थन के आधार पर ये निर्णय लिया गया। काशी विद्वत् परिषद्, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, मिथिला, दक्षिण भारत और नेपाल के विद्वानों ने 31 को ही लक्ष्मी पूजन शास्त्र सम्मत होने पर सहमति जताई।

आखिर कब है दिवाली 31 या 1 को? जानिए देश के प्रतिष्ठिच ज्योतिषाचार्यों से, क्या है पूजा मुहूर्त और कौन से हैं शुभ योग

सभा की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के वरिष्ठ आचार्य एवं संकाय अध्यक्ष प्रो. सर्वनारायण झा ने कहा कि प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा में सूर्य सिद्धान्त के आधार पर अनादि काल से पंचांग गणित होता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल में प्रचलित प्राचीन और आधुनिक पद्धति से निर्मित दोनों विधाओं के पंचांगों में अमावस्या की शुरुआत 31 अक्टूबर को 3:30 3 बजे से 4 बजे के बीच हो रही है, इसमें दो मत नहीं हैं। लक्ष्मी पूजन सूर्यास्त से डेढ़ घंटे बाद से अग्रिम डेढ़ घंटे तक है। अर्थात दिवाली पर पूजन का उत्तम मुहूर्त शाम 6:50 से रात 8:20 बजे तक है। इस समयावधि में प्रदोष काल और रजनी दोनों का संयोग बन रहा है। प्रदोष काल, निशीथ काल (मध्य रात्रि) और ग्राम मुहूर्त में अमावस्या 31 अक्टूबर गुरुवार को ही है।

आखिर कब है दिवाली 31 या 1 को? जानिए देश के प्रतिष्ठिच ज्योतिषाचार्यों से, क्या है पूजा मुहूर्त और कौन से हैं शुभ योग

दिवाली के लिए प्रदोष, निशीथ (मध्य रात्रि) उभय व्यापिनी अमावस्या ग्राह्य है। प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन किया जाता है। निशीथ काल (मध्य रात्रि) में काली पूजन किया जाता है और रात के अन्त में दरिद्रा का निःसारण किया जाता है। ये सभी कार्य 31 अक्टूबर को सम्पन्न करना शास्त्र सम्मत है। 1 नवम्बर को भी प्रदोष काल को अमावस्या तिथि स्पर्श कर रही है, ऐसा कुछ पंचांगों में उल्लेख है, लेकिन उस दिन सूर्यास्त के बाद अमावस्या नहीं है, इसलिए उस दिन दिवाली मनाना शास्त्र सम्मत नहीं है।

आखिर कब है दिवाली 31 या 1 को? जानिए देश के प्रतिष्ठिच ज्योतिषाचार्यों से, क्या है पूजा मुहूर्त और कौन से हैं शुभ योग

सभी में ये विद्वान हुए शामिल

प्रो. शिवाकान्त झा दरभंगा, प्रो. सर्वनारायण झा, प्रो. मदनमोहन पाठक, प्रो. श्रीपाद भट्ट तिरूपति, प्रो. कृष्णकान्त पाण्डेय नागपुर, प्रो. चन्द्रमौली उपाध्याय काशी, प्रो. विनय कुमार पाण्डेय काशी, प्रो. प्रभात कुमार महापात्र त्रिपुरा, प्रो. कृष्णकेश्वर झा, तिरूपति, डा. नीरज तिवरी, नरेश शर्मा हरियाणा, प्रो. प्रेम कुमार शर्मा दिल्ली, प्रो. हंसधर झा कर्नाटक, डॉ. देशराज शर्मा हिमाचल प्रदेश, डॉ. विनोद कुमार शर्मा राजस्थान, डा. उपेन्द्र भार्गव मध्यप्रदेश, डॉ. योगेन्द्र कुमार शर्मा दिल्ली, डा. अखिलेश मिश्र, तमिलनाडु।

यह भी पढ़ेः लखनऊ एथलेटिक्स टीम का होगा गठन, 14 को होगा ट्रायल

ताजा समाचार

बागेश्वर: नशेड़ी ने कमरे में लगाई आग... 11 लोग झुलसे, 10 की हालत गंभीर
Kanpur: ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं, फर्श भी फुल, सैकड़ों विशेष ट्रेनें चलाने के बाद भी यात्री बेहाल, ट्रेनों के शौचालय तक में बैठकर जा रहे लोग
देहरादून: दीपावली पर दो दिनों के अवकाश का ऐलान
इस दिन कानपुर में होगी जमीअत की कांफ्रेंस...जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी आएंगे शहर
इस विभाग में 2 हजार से अधिक पदों पर होगी भर्ती, मंत्री बोले नहीं रहेगी, शिक्षक, चिकित्सक और कर्मचारियों की कमी 
Diwali 2024: दीपावली पर दमकल विभाग अलर्ट मोड पर, 200 कर्मी तैनात, EMERGENCY पर इन नंबरों पर करें कॉल