Kanpur: हमीरपुर में बच्चे को 50 फीट ऊंचे पुल से नीचे फेंका, आई 50 चोटें, फिर भी नहीं हारी जंग, हैलट में डॉक्टरों ने बचाई जान

पूरी तरह ठीक होने पर अस्पताल प्रशासन ने बच्चे को हमीरपुर बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया

Kanpur: हमीरपुर में बच्चे को 50 फीट ऊंचे पुल से नीचे फेंका, आई 50 चोटें, फिर भी नहीं हारी जंग, हैलट में डॉक्टरों ने बचाई जान

कानपुर, अमृत विचार। जाको रखे साइयां, मार सके न कोई… यह कहावत दो माह के बच्चे पर बिल्कुल सटीक बैठती है, जिसको हैलट के बाल रोग अस्पताल में कृष्णा नाम दिया गया है। बच्चे को 50 फीट ऊंचे पुल से नीचे फेंका गया था, लेकिन उसके किस्मत में ऊपर वाले ने मौत नहीं जिंदगी लिखी थी, जिसकी वजह से वह पेड़ की झाड़ियों में फंस गया और उसके शरीर में 50 से अधिक चोटे आई। यहां तक वह किसी जानवर का शिकार भी बना, लेकिन उसने सांसें नहीं तोड़ी। शुक्रवार को हंसता-मुस्कुराता कृष्णा हैलट को छोड़कर सिस्टरों की आंखों में आंसू देकर हमीरपुर चला गया। 
 
हमीरपुर के कस्बा खेड़ा पुल से 29 अगस्त को किसी ने नवजात बच्चे को कपड़े में लपेटकर पुल से नीचे फेंक दिया था। पुल से नीचे फेंकने के बाद शायद उन लोगों ने बच्चे को मुड़कर नहीं देखा, क्योंकि वह फिल्मी सीन की तरह पेड़ की झाड़ियों में फंस गया था। इस वजह से उसके शरीर में 50 से अधिक चोटें आ गई थी। वहीं, झाड़ियों में फंसे रहने की वजह से उसे पेड़ में रहने या चढ़ने वाले किसी जानवर ने अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से बच्चे की दाएं तरफ वाली जांघ खून से लथपथ हो गई थी। 
 
तभी हमीरपुर के राठ थाने में तैनात पुलिस कर्मियों ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी और वह पुल के नीचे झाड़ियों के पास पहुंचे, जहां खून से लथपथ बच्चे को देखकर वह भी काफी हैरान रह गए थे। पुलिस कर्मियों ने बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी स्थिति में सुधार नहीं आने पर 31 अगस्त को डॉक्टरों ने बच्चे को हैलट के लिए रेफर किया। पुलिस कर्मी बच्चे को लेकर हैलट बाल रोग अस्पताल पहुंचे, यहां पर वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.अमितेश यादव ने बच्चे को भर्ती किया और हालत गंभीर देख एनआईसीयू में शिफ्ट किया। 
 
उसके बाद डॉक्टर ने टीम के साथ मिलकर बच्चे के जख्मों को सही करने का काम किया। धीरे-धीरे हालत में सुधार आने पर बच्चे को डॉक्टरों ने एनआईसीयू से बाहर निकाला और वार्ड में भर्ती किया, जहां पर बाल रोग अस्पताल के सीएमस डॉ.विनय कटियार, सिस्टर इंचार्ज राज कुमारी व पूरे स्टाफ ने मिलकर बच्चे की देखभाल अपने बच्चे की तरह की। पूरी तरह ठीक होने पर शुक्रवार को अस्पताल प्रशासन ने बच्चे को हमीरपुर बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया।