VIDEO : अमेरिका में बोलीं निर्मला सीतारमण- 'चार ‘आई’ करेंगे विकसित भारत के सपने को साकार
फिलाडेल्फिया (अमेरिका)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि भारत बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर है और 2047 में विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य तय किया गया है तथा इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, इंवेस्टमेंट, इन्नोवेशन और इंक्लुशन ( बुनियादी ढांचा, निवेश, नवाचार और समावेशिता) चार ‘आई’ इसको साकार करने के मदद करेंगे। सीतारमण ने यहां पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन बिजनेस स्कूल में फायरसाइड चैट के दौरान यह बातें कही है।
उन्होंने कहा जब आप भारत को आगे बढ़ने के तरीकों पर नज़र डालते हैं तो भारत बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हमने 2047 में विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य तय किया है। बुनियादी ढांचा, जिसमें भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचा शामिल है। निवेश, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के निवेश शामिल हैं। नवाचार और समावेशिता: ये 4 'आई' उस कठिन रास्ते को संबोधित करेंगे जिसके माध्यम से हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के 51 से अधिक मंत्रालय और विभाग प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का संचालन करते हैं। पिछले 8 वर्षों में संचयी रूप से 450 अरब डॉलर से अधिक का हस्तांतरण किया गया है। 8 वर्षों में, लगभग चार करोड़ डॉलर की चोरी से बचाई गई है। भारत का यह डिजिटल अनुभव चोरी, धोखाधड़ी वाले लेन-देन और भूतपूर्व खाताधारकों को कम करने का एक शानदार उदाहरण है। यह करदाताओं के पैसे के बारे में ज़िम्मेदार होने में एक बड़ा लाभ दे रहा है।
Over 51 ministries and departments in the central government deal with Direct Benefit Transfers (DBT). More than USD 450 billion have been transferred cumulatively in the last 8 years. In 8 years, around USD 40 billion have been saved from pilferages.
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) October 23, 2024
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सीतारमण ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सभी के लिए विकास, गरीबी हटाने और यह सुनिश्चित करने के बड़े एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं कि दुनिया हम सभी के रहने के लिए एक बेहतर जगह हो। हमने अपने नागरिकों को जो डिजिटल पहुँच प्रदान की है, वह एक बहुत शक्तिशाली साधन है और चूँकि उन्होंने प्रौद्योगिकी को अपनाया है, इसलिए हमने इसके परिणाम देखे हैं।
उन्होंने कहा कि आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं होता अगर लोगों ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल न किया होता, जो उन्हें मुफ्त में उपलब्ध था। यह लोगों तक विभिन्न अभियानों और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी अपनी स्थानीय भाषाओं में भी पहुंचा। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) ने भारत के लोगों तक पहुंच के लोकतंत्रीकरण में क्रांति ला दी है और भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान भी इसकी सराहना की गई। आयुष्मान भारत योजना सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में से एक है। इस योजना के तहत 6.3 करोड़ से अधिक अस्पताल में भर्ती लोगों को सेवा दी गई है। अब यह योजना 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए उपलब्ध है, चाहे व्यक्ति की पृष्ठभूमि और आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
वित्त मंत्री ने कहा कि अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल करना केवल भारतीय नेतृत्व और कूटनीति के प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया। भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ और आकांक्षाओं को अन्य जी 20 देशों के साथ बातचीत के लिए रखा। जी20 अध्यक्षता के दौरान भारत ने 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार बहुस्तरीय विकास बैंकों के कामकाज के लिए आगे का रास्ता दिखाने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की स्थापना की। यहाँ तक कि विश्व बैंक ने भी अपनी विकास योजना में भारत द्वारा गठित इस समूह के 30 में से 29 सुझावों को अपनाया है।
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