Health Alert: गर्भवती को डेंगू होने पर गर्भस्थ को भी खतरा, रहें सतर्क
लखनऊ, अमृत विचार: गर्भवती को डेंगू से अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। डेंगू होने पर गर्भवती के साथ गर्भस्थ शिशु भी पॉजिटिव हो सकता है। इलाज में देरी जच्चा-बच्चा के लिए घातक साबित हो सकती है। यह कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव का। डॉ. सुजाता ने डेंगू से गर्भवतियों को बचाने को लेकर जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया गर्भावस्था के दौरान डेंगू होने का खतरा इसलिए ज्यादा होता है, क्योंकि इस दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। गर्भवती को डेंगू होना जच्चा बच्चा दोनों के लिए खतरनाक होता है। यदि गर्भवती डेंगू से ग्रसित है तो डेंगू की एंटीबॉडीज गर्भस्थ में जा सकती हैं। जिससे गर्भस्थ भी डेंगू से प्रभावित हो सकता है। जिसके कारण कई बार गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म तथा बच्चा कम वजन का हो सकता है। साथ ही बच्चे में जन्मजात शारीरिक और मानसिक विकलांगता आ सकती है। अधिक गंभीर स्थिति मां और गर्भस्थ दोनों के साथ कोई भी अनहोनी घटित हो सकती है।
इसके अलावा गर्भवती के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के करण रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। साथ ही तेज बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। इसलिए गर्भवती को अगर डेंगू होता है तो उसे तुरंत अस्पताल में डॉक्टर की देख रेख में इलाज कराना चाहिए। कोई भी दवा बिना चिकित्सक की सलाह के न दें।
लक्षण
-ठंड लगने के कारण अचानक तेज बुखार चढ़ना
-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले भाग में दर्द होना
-अत्यधिक कमजोरी लगना
-भूख न लगना
-गले में दर्द होना
-शरीर में लाल चकत्ते आना
सावधानियां
-मच्छर को घर के अंदर या बाहर पान अपने से रोके। इसके लिए अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें।
-घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवाएं।
-घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाई का छिड़काव करवाते रहे।
-बारिश में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े ही पहने।
-घर में मच्छर से बचने के लिए नींद की पत्तियों का धुआं करें
-मच्छरदानी लगाकर सोए
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