बदायूं: खेतों में जल रही पराली, जागरुकता तक सीमित अभियान, कृषि और तहसील के अधिकारियों को करनी है कार्रवाई, बैठे खाली हाथ  

बदायूं: खेतों में जल रही पराली, जागरुकता तक सीमित अभियान, कृषि और तहसील के अधिकारियों को करनी है कार्रवाई, बैठे खाली हाथ  

आसफपुर, अमृत विचार। खेतों में पराली जलाए जाने पर शासन की ओर से प्रतिबंध लगाया हुआ है। साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ दंड भी निर्धारित है। इसके बाद भी किसान पराली जला रहे हैं।  लेकिन कार्रवाई के स्थान पर मात्र जागरूकता का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। इसकी जानकारी कृषि और तहसील स्तर के अधिकारियों को हैं, परंतु कार्रवाई के नाम पर हाथ खाली हैं। 

पर्यावरण को  प्रदूषण मुक्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। ऐसा करने वालों पर रिपोर्ट दर्ज कराने से लेकर 25 हजार रुपये तक  जुर्माना वसूलने का आदेश है। साथ ही कृषि और तहसील स्तरीय अधिकारियों से ड्रोन से निगरानी रखने को भी कहा गया है। परंतु यह सब चीजें नदारद हैं। जागरुकता के लिए मात्र एक गाड़ी जिले भर में घुमाई जा रही है। 

जिसका प्रभाव किसानों पर नहीं पड़ रहा है। विकास खण्ड आसफपुर के ग्राम भूड़ में शनिवार को कई किसानों के द्वारा धान की कटाई कराने के उपरांत उसके अवशेष जला दिए। जिससे आस  पास का वातावरण प्रदूषण युक्त हो गया। जिसका असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर भी दिखा। इस क्षेत्र में प्रतिदिन कोई न कोई किसान खेतों में  पराली जला रहा है। जिसकी जानकारी तहसील और कृषि अधिकारियों को है,  परंतु वह अनभिज्ञता जाता रहे हैं। कहा जा रहा है कि जानकारी नहीं है। जांच कराने के बाद कार्रवाई करेंगे। 

खेतों में पराली जलाई जा रही है। इसकी जानकारी नहीं है। जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी।- विजय कुमार शुक्ला, तहसीलदार बिसौली

जागरूकता के बाद भी किसान मानने को तैयार नहीं है। पराली जलाने वालों पर संबंधित तहसील के एसडीएम को कार्रवाई करनी होती है। हमारे अधिकार क्षेत्र में कुछ नहीं है।- मनोज कुमार, डीडी एग्रीकल्चर

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