बरेली: कागजों पर काबू में मलेरिया पर दवाओं की खपत रिकॉर्डतोड़
ढाई हजार आर्टिसोनेट इंजेक्शन व क्लोरोक्वीन की ढाई लाख गोलियों की खपत प्रतिदिन
बरेली, अमृत विचार। मलेरिया की दवाओं की भारी खपत इशारा कर रही है कि जिले में किस कदर इसका प्रकोप फैला हुआ है। सरकारी अस्पतालों में अगस्त से अब तक क्लोरोक्वीन की 20400 गोलियों की खपत हो चुकी है। निजी मेडिकल स्टोरों पर इन गोलियों की रोज की बिक्री का औसत 2.5 लाख तक पहुंच गया है। मलेरिया रोगियों को दिया जाने वाले आर्टीसोनेट इंजेक्शन की भी रोजाना सेल का आंकड़ा 25 हजार के पार निकल गया है।
अगस्त से नवंबर के बीच मलेरिया फैलता है। जिला मलेरिया विभाग के अधिकारी सत्येंद्र के मुताबिक अगस्त से अक्टूबर के बीच जिले में मलेरिया के 1999 मरीज चिह्नित हुए हैं। सीएचसी और पीएचसी में मलेरिया के लिए दी जाने वाली 295 एसीटी किटें सप्लाई की जा चुकी हैं। इसके अलावा क्लोरोक्वीन की 20400 और प्राइमाक्विन की 7.5 एमजी और 2.5 एमजी की 31250 गोलियां सप्लाई की गई हैं।
निजी मेडिकल स्टोरों पर भी मलेरिया की दवाओं की बिक्री बढ़ी है। डिस्ट्रिक्ट ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने बताया कि शहर में मलेरिया की दवाओं के 22-23 होल सेल विक्रेता हैं। बाजार में क्लोरोक्वीन की 2.5 लाख गोली रोज बिक रही हैं। क्लोरोक्वीन के बाइल की भी मांग बढ़ी है। मलेरिया के सीजन में आर्टिसोनेट इंजेक्शन के रोज 25 हजार बाइल बिक रहे हैं। एक बाइल की कीमत 290 रुपये हैं। आम दिनों में बमुश्किल सौ बाइल ही रोज बिकती हैं।