गृहकर में गड़बड़ी पर गुस्से में जनता...कानपुर नगर निगम की मनमानी से पीड़ित लोग जनप्रतिनिधियों के पास भी रोज काट रहे चक्कर

अब तक हजारों शिकायतें सामने आईं, मुख्य कर अधीक्षक बोले-4500 मामले निपटाए

गृहकर में गड़बड़ी पर गुस्से में जनता...कानपुर नगर निगम की मनमानी से पीड़ित लोग जनप्रतिनिधियों के पास भी रोज काट रहे चक्कर

कानपुर, अमृत विचार। नगर निगम की ओर से भेजे गए गृहकर के बढ़े बिलों से शहर में हजारों लोग परेशान हैं। रोज दर्जन लोग सांसद, विधायकों और पार्षदों के पास चक्कर काट रहे हैं।  नगर निगम में कई हजार शिकायतें पहुंच चुकी हैं, लेकिन लगभग एक साल होने आ रहा है, पर अभी तक इक्का-दुक्का मामले छोड़कर समाधान किसी का नहीं हो पा रहा है। 

नगर निगम ने मुख्यालय में हाउस टैक्स कैंप लगाया। कैंप में तीन दर्जन से अधिक लोग हाउस टैक्स की समस्या लेकर पहुंचे। फजलगंज निवासी दिव्यांग हर्ष कपूर के साथी जसपाल सिंह ने बताया कि हर्ष को 2 साल के हाउस टैक्स का करीब 4 लाख रुपये बिल भेज दिया गया है। मार्च माह में समाधान का प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

शासनादेश के मुताबिक 100 फीसदी विकलांग का हाउस टैक्स माफ है। राजकमल ने बताया कि पहले गृहकर 1622 रुपये आता था, लेकिन नगर निगम ने 8 हजार रुपये का बिल भेज दिया है। स्वरूप नगर निवासी चंद्रकांत शिवहरे ने बताया 4800 रुपये से बढ़ाकर हाउस टैक्स का 11 हजार रुपये बिल आया है, जबकि उन्होंने मकान में कोई बदलाव नहीं किया है। प्रार्थना पत्र देने और चक्कर काटने पर भी सुनवाई नहीं हो रही है। हरबंश मोहाल के पवन कुमार जायसवाल ने बताया कि गृहकर का बिल 253 रुपये से बढ़ाकर साढ़े 10 हजार रुपये कर दिया है।

27 अक्टूबर 2021 से बकाए का बिल 1.76 लाख रुपये भेजा गया है, जबकि जमीन ट्रस्ट की है और मंदिर बना है। उधर, नगर निगम के मुख्य कर अधीक्षक अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि हाउस टैक्स से जुड़ी समस्याओं का निस्तारण समय पर किया जा रहा है। साढ़े चार हजार शिकायतें निस्तारित की जा चुकी हैं। शासनादेश के मुताबिक 100 फीसदी विकलांगता और सिर्फ एक रेजिडेंशियल मकान होने पर ही बिल 100 फीसदी माफ किया जाता है।

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