Kanpur में 5 लाख पावरलूम पड़े बंद, बुनकरों ने जताया अपनी दयनीय हालत पर आक्रोश, भुखमरी की कगार पर हजारों परिवार

बिजली बिल, महंगा सूत, सरकारी मदद नहीं मिलने से टूट गया कारोबार का पूरा ढांचा

Kanpur में 5 लाख पावरलूम पड़े बंद, बुनकरों ने जताया अपनी दयनीय हालत पर आक्रोश, भुखमरी की कगार पर हजारों परिवार

कानपुर, अमृत विचार। सरकार लाल इमली मिल चलाने का दम भर रही है, लेकिन सरकारी मदद और सहूलियत नहीं मिलने से शहर में बंद हो चुके करीब 5 लाख पावरलूमों के लिए कुछ नहीं कर रही है। इसके चलते हजारों परिवार भुखमरी की कगार पर हैं, तो बड़ी संख्या में कारीगर पेट भरने के लिए मजदूरी करने को मजबूर हैं। 

यह बात राष्ट्रीय बुनकर समाज के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद असलम अंसारी ने  सुजातगंज में हुई बुनकरों की बैठक में कही। बैठक में शहर के पावरलूम बचाने की कोई कोशिश नहीं किए जाने की आलोचना करते हुए कहा गया कि सरकार की विश्वकर्मा योजना, हथकरघा बुनकर योजना, कौशल विकास योजना में भी बुनकरों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। 

2006 तक बिजली बिल में काफी छूट मिलती थी, लेकिन बिजली के नए रेट आने के बाद बुनकरों की कमर टूट चुकी है। सूत महंगा हो चुका है, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी  बंद है। 2015 के बाद से तो बुनकरों पर जैसे आफत आई है। 

सूत व बिजली में सब्सिडी दें, बच्चों की शिक्षा का प्रबंध करें
 
बुनकरों को पूर्व की भांति सूत, बिजली में सब्सिडी दे, बुनकरों के बच्चों के शिक्षा की व्यवस्था कराई जाए। बुनकरों को बिना ब्याज का ऋण मिले ताकि वे अपने कारोबार को बढ़ा सकें। बुनकर बस्तियों में स्कूल और चिकित्सालय खोले जाएं। - मोहम्मद असलम 

नि:शुल्क प्रदर्शनी लगवाई जाए ड्रेस का कपड़ा बुनकरों से लें

बुनकरों के कपड़ों की प्रदर्शनी लगवाने के लिये सरकार नि:शुल्क व्यवस्था करे। बुनकरों के कपड़े खरीदने और बिक्री का बंदोबस्त किया जाये। जिन सरकारी विभागों में ड्रेस कोड लागू है, वहां बुनकरों से कपड़ों की अनिवार्य खरीद का नियम लागू हो। 
- यूनुस अंसारी

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