किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार.. गरीबों व भटके लोगों के लिए फरिश्ता बने सिपाही अमित कुमार, मिल रही प्रशंसा

ड्यूटी के साथ मजलूमों व बेसहारा लोगों की मदद कर सुधार रहे पुलिस की छवि

किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार.. गरीबों व भटके लोगों के लिए फरिश्ता बने सिपाही अमित कुमार, मिल रही प्रशंसा

रमेश पांडेय, करनैलगंज/ गोंडा,अमृत विचार। बॉलीवुड फिल्म 'जीना इसी का नाम है' के गाने की लाइनें 'किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार। किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार...जीना इसी का नाम है' जब सुनते हैं तो दूसरे की मदद करने का भाव आता है। हालांकि कोई किसी की मदद निस्वार्थ भाव से कर रहा हो यह बेहद कम ही देखने को मिलता है‌।

इस तरह की मदद करने वाला अगर कोई पुलिस का जवान हो तो इस पर लोग कम ही भरोसा करेंगे लेकिन इसे सच कर दिखाया है यूपी पुलिस के सिपाही अमित कुमार ने जो इस भाव को आत्मसात कर गरीबों व भूखे लोगों के लिये फरिश्ता बन गए हैं। वह अपनी ड्यूटी के साथ भूखे, गरीब व बेसहारा लोगों की मदद कर रहे हैं। उनके इस नेक कार्य की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। 

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भूखे श्रमिकों को भोजन वितरित करते सिपाही अमित कुमार

 

कोतवाली करनैलगंज के कस्बा पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही सिपाही अमित अक्सर सिविल ड्रेस में आम लोगों की तरह चौक बाजार, मंडी व ऐसे स्थान जहां दिहाड़ी मजदूरों का जमावड़ा होता है वहां घूमते रहते हैं और जरूरतमंदों को नाश्ता व भोजन उपलब्ध कराते हैं। मानसिक तौर पर बीमार लोगों को खाना खिलाने तथा भटके हुए लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की उनकी कोशिश होती है।

सिपाही अमित कुमार बताते हैं कि रात में गस्त के दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप व चौक चौराहों पर बहुत से भूखे प्यासे निराश्रित लोग भटकते रहते हैं। हमने उनकी हालत देख कर मदद करने की ठान ली है। अब हर रोज जहां कहीं कोई भूखा प्यासा जरूरतमंद मिल जाता है। उसको खाना खिलाने सहित हर संभव मदद कर देते हैं जिससे मन को बहुत सुकून मिलता है। अपनी ड्यूटी के साथ लोगों की मदद करने का जो बीड़ा इस सिपाही ने उठाया है उसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।प्रभारी निरीक्षक श्रीधर पाठक व कस्बा चौकी प्रभारी सोम प्रताप सिंह ने सिपाही अमित कुमार की सराहना करते हुए उनकी हौसला अफजायी कर रहे हैं। 

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मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को नाश्ता कराते व उससे बातचीत‌ करते अमित

 

अक्सर पुलिस पर लोग ज्यादती करने का आरोप लगाते हैं लेकिन यह आरोप ठीक नहीं है। पुलिसकर्मी भी समाज का हिस्सा हैं। इसे सिपाही अमित कुमार के कार्यों से समझा जा सकता है। अमित जो कर रहे हैं वह पूरे विभाग के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है‌। इस तरह के समाजिक कार्य को जरिए ही मित्र पुलिस की अवधारणा को सफल बनाया जा सकता है..., उमेश्वर प्रभात सिंह, क्षेत्राधिकारी- करनैलगंज।

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