उन्नाव में सुख-समृद्वि की कामना कर पितरों को किया गया विदा...गंगा तटों पर लोगों ने किया पितृ विसर्जन
जनपद के विभिन्न गंगा तटों पर लोगों ने किया पितृ विसर्जन
उन्नाव, अमृत विचार। बुधवार को पितृपक्ष की समाप्ति हो गई। लोगो ने अपने पूर्वज पितरों का पिंडदान कर उन्हें गंगाजल प्रदान किया। इन पन्द्रह दिनों के पितृपक्ष में पूर्वजों पितर स्वर्ग से बाहर आते है, जिन्हें उनके परिजन पिंडदान कर गंगा तट पर उनकी श्राद्ध करते है। बालूघाट स्थित गायत्री शक्ति पीठ में भी सामूहिक रूप से लोगो ने आचार्यों द्वारा विधि-विधान के साथ उनके पूर्वजों का पिंडदान का कार्य सम्पन्न किया।
बता दें कि अमावस्या पर ही पितरों का तर्पण किया जाता है। पितृ पक्ष पर लोग अपने पुरखो का आवाह्न कर उनको तर्पण देते है। जिसमें विधि विधान के साथ लोग दान पुण्य करते है। जिससे कि उनके पूर्वजों को आत्म शक्ति मिलने के साथ तर्पण करने वाले व्यक्ति का गृहस्थ जीवन सुखमय हो।
वहीं सर्वपैत्री अमावस्या को अन्य के अतिरिक्त जिन मृतक की तिथि ज्ञात न हो या अन्य कारणों से नियत तिथि पर श्राद्ध न किया जा सका हो, उनका इस दिन श्राद्ध किया जा सकता है। इसी दिन पितृ विसर्जन के निमित्त रात्रि में मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाकर पितृ विसर्जन किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि पितर अपने पुत्रादि से श्राद्ध तर्पण की कामना करते हैं। यदि उन्हें यह उपलब्ध न हो तो वह श्राप देकर चले जाते हैं। इसी को लेकर सभी सनातनियों को पितृ विसर्जन जरूर करना चाहिए। शास्त्र के अनुसार आज के दिन गंगा स्नान करने से सहस्त्र गोदान के समान फल की प्राप्ति होती है।