बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय में ओपन लर्निंग डायरेक्टरेट बनेगा
दीक्षांत समारोह में 187 शोधार्थियों को दी जाएगी उपाधि
बरेली, अमृत विचार। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 14 अक्टूबर को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह में 187 शोधार्थियों को उपाधि दी जाएगी। विश्वविद्यालय में ओपन लर्निंग डायरेक्टरेट भी बनाया जाएगा। इसके अलावा विदेशी छात्रों की पढ़ाई के लिए क्रेडिट ट्रांसफर पॉलिसी भी लागू की जाएगी। ये निर्णय सोमवार को समिति कक्ष में कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक में लिए गए।
बैठक में विश्वविद्यालय में कार्यरत 13 कर्मचारियों की प्रोन्नति की संस्तुति की गई, जिन्हें कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक और वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक पद पर प्रोन्नत किया गया है। इसके अलावा देश और विदेश के अन्य संस्थानों के छात्रों के लिए स्वीकृत पाठ्यक्रमों को क्रियान्वित करने उद्देश्य से छात्र, शिक्षक और विश्वविद्यालय के हित में लिए गए कई निर्णयों की संस्तुति की गई। इसके तहत विश्वविद्यालय के शिक्षक विदेशी छात्रों को शिक्षा दे सकेंगे और इससे प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा स्वयं के शिक्षण को प्राप्त होगा और विश्वविद्यालय इसका एक छोटा हिस्सा अपने पास रखेगा।
विश्वविद्यालय ने देश-विदेश की अन्य संस्थाओं के छात्रों को प्रवेशित पाठ्यक्रम के साथ-साथ रुहेलखंड विश्वविद्यालय में एक या एक से अधिक पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रवेश दिए जाने के लिए विस्तृत नीति पर स्वीकृति जताई गई। विश्वविद्यालय की ओर से संचालित किए जाने वाले ऑनलाइन-ऑफलाइन पाठ्यक्रम के लिए क्रेडिट ट्रांसफर पॉलिसी को भी स्वीकृत किया गया। इससे अब देश-विदेश जाकर अन्य संस्थाओं में पढ़ने वाले विश्वविद्यालय के छात्रों के क्रेडिट उनके संस्थानों में ट्रांसफर किए जा सकेंगे। विदेशी और देश के अन्य संस्थाओं से विश्वविद्यालय में आकर पढ़ने वाले छात्रों और शोधार्थियों के क्रेडिट ट्रांसफर भी किए जा सकेंगे।
60 प्रतिशत नकल पर शोध पंजीकरण होगा निरस्त
शोध में नकल की जांच के लिए कुलपति के निर्देश पर शोध निदेशालय की ओर से तैयार नियमावली के अनुसार सिर्फ 10 प्रतिशत तक ही नकल किसी भी शोध प्रबंध में अनुमन्य होगी लेकिन यदि 60 प्रतिशत से अधिक नकल पाई जाती है तो शोधार्थी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। शोध छात्रों के जेआरएफ से एसआरएफ में उच्चकृत किए जाने संबंधी नियमावली पर स्वीकृति जताई गई। अंतर्राष्ट्रीय वर्कशॉप कॉन्फ्रेंस सेमिनार में भाग लेने वाले विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए अनुदान प्राप्ति और प्रगति आख्या के लिए नियमावली के अनुसार विदेश जाने के शिक्षकों को शिक्षक कल्याण कोच से पूर्व में प्रदान किए जाने वाली 25 हजार की सीमा को बढ़ाकर 50 हजार किया गया। बैठक में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की ओर से नामित दो सदस्य प्रो. रामगोपाल और प्रो. रजनी रंजन सिंह मौजूद रहे। प्रो. रजनी रंजन सिंह ने विश्वविद्यालय में डायरेक्टरेट ऑफ ओपन लर्निंग स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिस पर परिषद ने सहमति प्रदान की और तय किया गया कि अगली बैठक में एक विस्तृत प्रस्ताव बनाकर कार्य परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।