प्रयागराज: नैनी जिला जेल में रिहाई से पहले पहुंचा वारंट, वारंटी को कर दिया रिहा

डिप्टी जेलर और जेलर के बीच बहस, वारंटी की तलाश में भेजे गए सिपाही, जांच कमेटी भी बनी

प्रयागराज: नैनी जिला जेल में रिहाई से पहले पहुंचा वारंट, वारंटी को कर दिया रिहा

प्रयागराज, अमृत विचार। नैनी की जिला जेल में चोरी के मामले में बंद एक वारंटी की रिहाई का अजीब मामला संज्ञान में आया है। जहां वारंटी की रिहाई से पहले दूसरा वारंट जेल पहुंच गया। फिर भी उस बंदी के वारंट को नजरअंदाज करते हुए जेल के अधिकारियों ने उस बंदी को रिहा कर दिया। बंदी की रिहाई को लेकर इस मामले में जेल अधिकारियों की संदिग्धता मानी जा रही है। फिलहाल इस प्रकरण में जेल के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। रिहा किए गए बंदी की तलाश के लिए जांच कमेटी बनाई गई है। बंदी की तलाश के लिए सिपाहियों को भी लगाया गया है।

जेल सूत्रों के मुताबिक नवाबगंज थाने की पुलिस ने चोरी के मामले में वांछित चल रहे राजकुमार पुत्र रामकुमार निवासी भंडारा थाना नवाबगंज को 28 जुलाई को गिरफ्तार कर नैनी जिला जेल भेजा था। जहां उसे चक्र नंबर एक के हाते नंबर दो में रखा गया था। जिसकी जिम्मेदारी डिप्टी जेलर विजय प्रसाद की है।

बताया जा रहा है कि इसी बीच 23 सितंबर को जेल से लगभग 20 बंदियों की अदालत जिला न्यायालय में गई थी। जबकि बंदी राजकुमार की पेशी नहीं थी। शाम को आदलत लौटने पर बंदी राजकुमार का दूसरा वारंट (बी) 419, 420 के अन्य मुकदमे में कोर्ट से उन बंदियों के साथ भेजा गया था। 23 सितंबर को उस वारंट को रजिस्टर नंबर 12 में दर्ज नहीं किया गया। डिप्टी जेलर विजय प्रसाद और शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने उस बंदी का वारंट भी नही देखा और बंदी राजकुमार को 24 सितंबर को 21 बजकर 5 मिनट पर जेल गेट रिहाई करा दी।

इसकी जानकारी जेल अधीक्षक अमिता दुबे को भी हुई, लेकिन पूरे मामले को दबाने का प्रयास शुरु कर दिया। बाद में इस रिहाई को लेकर डिप्टी जेलर विजय प्रसाद और शैलेन्द्र प्रताप सिंह के बीच खींचतानी भी हुई। सूत्रों की मानें तो बंदी राजकुमार को रिहा करते समय कुछ अन्य बंदियों को भी रिहा किया गया है।

जेल सूत्रों की माने तो जिला जेल हो या फिर सेंट्रल जेल किसी भी नए बंदी के जेल में इंट्री होते ही उसकी सारी डिटेल रजिस्टर में दर्ज कराई जाती है। ठीक उसी तरह से बंदी राजकुमार की भी डिटेल रजिस्टर में इंट्री के समय दर्ज कराई गई है। जेल के अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया गया है कि इस बंदी का 419 , 420 धारा में वारंट आया था। परन्तु घटना की जानकारी न्यायालय, जेल के उच्च अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को नहीं दिया गया।

जेल में बंदी के रिहाई का मामला संज्ञान में है। रिहाई से पहले उसका वारंट आया था। जो गलती से रजिस्टर में दर्ज नही हो सका। वारंट कोर्ट द्वारा कौन लेकर आया था। प्राथमिक जांच हम स्वयं कर रहे है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी-अमिता दुबे, जेल अधीक्षक, जिला जेल कारागार नैनी

 एक वारंटी के रिहाई  के मामले की जानकारी हुई है। रिहाई के एक दिन पहले उसका वारंट आया था। जो गलती वश रजिस्टर मे दर्ज नही किया जा सका है। बंदी के वारंट की जानकारी संबंधित पुलिस को दी गई है। जल्दी ही बंदी को गिरफ्तार कर दोबारा जेल भेजा जायेगा-शैलेंद्र प्रताप सिंह, जेलर, जिला जेल कारागार नैनी

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