ठाकुरद्वारा प्रकरण : स्थानीय पुलिस ने असफरों को रखा अंधेरे में, बिगड़ गए हालत
पुलिस उग्र भीड़ के मंसूबे भांप पाती तब तक हालत बिगड़ गए, अफसरों को बिगड़े हालात संभालने के लिए बहाना पड़ा पसीना
ठाकुरद्वारा में घटना स्थल का मुआयना करते डीआईजी मुनिराज जी।
मुरादाबाद, अमृत विचार। ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के गांव में शुक्रवार को ट्रैक्टर चालक की मौत के बाद ग्रामीणों के उग्र तेवरों के चलते हुए बवाल में स्थानीय पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। आला अधिकारियों को अंधेरे में रखकर स्थानीय पुलिस अपने स्तर से ही मामला सुलटाने में लग गई। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता गया और लगातार भीड़ बढ़ती गई। पुलिस उग्र भीड़ के मंसूबे भांप पाती तब तक हालत बिगड़ गए। डीएम और एसएसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचने पर स्थित पर काबू पाया गया।
थाना क्षेत्र के थाना क्षेत्र तरफ दलपतपुर गांव निवासी लोकेश उर्फ मोनू (25) की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों से सुबह 6 बजे धान के खेत से ट्रैक्टर के पहिये से दबे शव को निकालकर कब्जे में ले लिया था। परिजनों ने सुबह आठ बजे पुलिस को घटना की सूचना दी थी। दो घंटे में ग्रामीणों ने मोनू की मौत का राज जानने के लिए रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल डाले। फुटेज देखने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने ट्रैक्टर का पीछ करते हुए पुलिस की सफदे रंग की कार की शिनख्त कर ली। ट्रैक्टर चालक की मौत की सूचना मिलने के बाद भी उसी सफदे रंग की कार से सिपाही अनीस समेत अन्य पुलिस कर्मी गांव पहुंच गए। ग्रामीणों ने सफेद रंग की कार की पहचान करके पुलिस कर्मियों को घेर लिया। मृतक मोनू सिपाही अनीस पर पहले भी अवैध वसूली का आरोप लगा चुका था।
धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गई और गुस्से के कारण वह अनियंत्रित भी होती गई। मौका पाकर ग्रामीणों ने सभी पुलसकर्मियों को घेर लिया। सूचना पर थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ भी मौके पर पहुंच गए। आठ बजे से 11 बजे तक स्थानीय पुलिस अपने स्तर से ही मामला निपटाने में लगी रही। ग्रामीणों के मंसूबों को पुलिस भांप पाती। इससे पहले भीड़ अनियंत्रित हो गई और फिर पुलिस वालों पर ही हमलावर हो गयी। सिपाही अनीस को देखकर भीड़ का गुस्सा और उग्र हो गई।
हालात बिगड़ने के बाद भी स्थानीय पुलिस आला अधिकारियों को अंधेरे में रखे रही, जिससे हालत और बिगड़ गए, जबकि स्थानीय पुलिस को अवैध खनन के मामले में आला अधिकारियों की अनुमति के बिना कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए गए थे। हालांकि स्थानीय पुलिस आला अधिकारियों के निर्देशों पर खरी नहीं उतरी। बाद में डीएम अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल ने भारी पुलिस बल और पीएसी के साथ पहुंच कर हालात को नियंत्रित किया। ग्रामीणों और मृतक परिजनों से वार्ता करके उनके आक्रोश को भी शांत कराया। इसके बाद ही हालात काबू में आ सके।
ठाकुरद्वारा में शुक्रवार को हुए बवाल की हर बिंदु पर गहना से जांच की जा रही है। आरोपी सिपाही को सुरक्षा के कारण निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।-सतपाल अंतिल, एसएसपी
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