मुरादाबाद:  बेकाबू भीड़ के मंसूबे नहीं भांप सके पुलिस वाले, जमकर पिटे

ट्रैक्टर चालक की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने में पुलिस अफसरों के भी छूटे पसीने

मुरादाबाद:  बेकाबू भीड़ के मंसूबे नहीं भांप सके पुलिस वाले, जमकर पिटे

ग्रामीणों का गुस्सा थमने के बाद ही बंधक पुलिस कर्मियों को मुक्त कराकर अस्पताल में कराया भर्ती

मुरादाबाद/ठाकुरद्वारा, अमृत विचार। ठाकुरद्वारा क्षेत्र के गांव तरफ दलपतपुर में शुक्रवार को ट्रैक्टर चालक युवक की मौत के बाद ग्रामीणों में पनपे आक्रोश को पुलिस वाले भांप नहीं सके। ठाकुरद्वारा पुलिस की खनन से अवैध वसूली को लेकर भड़के ग्रामीणों के गुस्से को हल्के में रही ठाकुरद्वारा पुलिस फंस गई।

इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस वालों को गांव में खेतों में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बवाल बढ़ने के बाद गांव में पीएसी समेत भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया। दो घंटे से ज्यादा समय तक चले विवाद में ग्रामीणों को शांत करने में पुलिस अफसरों के भी पसीने छूट गए। पीएसी पहुंचने के बाद में पुलिस ने भी ग्रामीणों को जमकर खदेड़ा। एसएसपी और डीएम ने स्थानीय नेताओं की मदद से जैसे-तैसे आक्रोशित लोगों को शांत किया। पूरे प्रकरण की जांच कर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आश्वान दिया।

पुलिस दो

ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के तरफ दलपतपुर गांव निवासी धर्मपाल के बेटे लोकेश उर्फ मोनू (25) के बाद पुलिस और ग्रामीणों में दो घंटे तक जमकर संघर्ष हुआ। उग्र ग्रामीणों ने पुलिस वालों को खेतों में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल भारी पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उग्र भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस ने लाठी फटकार कर शांत करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण और भड़क गए। इसके बाद जमकर बवाल किया। अधिकारियों ने स्थानीय भाजपा नेता अजय प्रताप सिंह, ब्लॉक प्रमुख संजना सैनी के पति डॉ. वीर सिंह सैनी, विहिप जिला प्रमुख संयोजक साजन शर्मा के सहयोग से गुस्साये ग्रामीणों को शांत किया। आक्रोशित लोगों को समझाकर बंधक पुलिसकर्मियों को मुक्त कराया। गंभीर रूप से घायल सिपाही और दरोगा को सुरक्षा के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां पर सिपाही अनीस की हालत नाजुक बताई जा रही है। एसएसपी ने ग्रामीणों को पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि साक्ष्य संकलन करते हुए हर पहलू से मामले की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य आएंगे उनके अनुरूप मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

ट्रेक्टर

प्रति ट्राली 500 रुपये मांग रहा था सिपाही

ग्रामीणों का आरोप है कि सिपाही अनीस उससे प्रति ट्राली 500 रुपये की मांग की थी। ऐसा नहीं करने पर झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी थी। ग्रामीणों का कहना है कि शुक्रवार को मोनू ट्रैक्टर लेकर घर से निकला था। इसी दौरान पुलिस लिखी सफेद रंग की गाड़ी में सवार चार पुलिसकर्मियों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मियों ने ट्रैक्टर रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन मोनू ने ट्रैक्टर नहीं रोका। आरोप लगाया कि इसके बाद गुस्साए पुलिसकर्मियों ने किसी तरह ट्रैक्टर रुकवाकर मोनू की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी। बाद में वहां से भाग गए। ग्रामीणों ने सुबह उत्तराखंड के गांव सन्यावाला जाने वाले रोड से नहर के कच्चे रास्ते पर 500 मीटर अंदर धान के खेत में शव बरामद किया था।

सिर में गंभीर चोट लगने से हुई मोनू की मौत

तीन डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों के पैनल का मानना है कि कि मोनू की मौत सिर में गंभीर चोट लगने से हुई है। साथ ही शरीर में कुछ चोटें पाई गईं हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी चोटें अक्सर सड़क हादसा होने पर लगती हैं। पोस्टमार्टम होने के बाद कड़ी सुरक्षा में पीएसी के जवानों के साथ सीओ ठाकुरद्वारा शव लेकर गांव पहुंचे। इसके बाद परिजनों को सौंप दिया।

देर रात तक डेरा डाले रहे अधिकारी

शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए जिलाधिकारी अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल समेत तमाम आला अधिकारी देर रात तक गांव में डेरा डाले रहे। मृतक मोनू के परिजनों और ग्रामीणों ने आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। हालांकि एसएसपी ने सीओ को हटाने, इंस्पेक्टर, दो दरोगा और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। इसके बाद ग्रामीण अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गए।

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