सरकार नहीं कर रही सुनवाई, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने दी आंदोलन की चेतावनी, इस दिन से शुरू हो सकता है प्रदर्शन
लखनऊ, अमृत विचार। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में काम कर रहे कर्मचारियों की मांगें अभी तक नहीं पूरी हुई हैं। जिससे उनमें आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि समस्या का हल अब आंदोलन से ही होगा। इसके लिए स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ ने कर्मचारी संदेश यात्रा की शुरूआत काफी पहले ही कर दी थी। इस यात्रा के जरिये कर्मचारियों को पूरे प्रदेश में एक साथ लाने के लिए संपर्क अभियान भी किया जा रहा है।
दरअसल, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ लगातार कई वर्षों से आन्दोलन, धरना प्रदर्शन और पत्राचार के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए गुहार लगा रहा है,लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। शासन और सत्ता में बैठे लोगों तक यह गुहार नहीं पहुंच रही है। महासंघ की तरफ से बताया गया है कि यही वजह है कि आज निकाय कर्मचारियों को कोई लाभ समय से नहीं मिल पा रहा। इतना ही नहीं कर्मचारियों की पदोन्नति, कैडर रिव्यू, स्थायीकरण, राज्य कर्मचारियों की भांति सभी सुविधायें भी नहीं मिल रही हैं। इसके अलावा अभी तक पद नाम,वेतन,भत्ते, पुरानी पेंशन बहाली, अकेन्द्रियत सेवा नियमावली अधर में है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि निकायो मे जो कर्मचारी जिस पद पर भर्ती होता है,वहीं से रिटायर्ड हो जाता है, सफाई कर्मचारियों से लेकर लिपिक, राजस्व, आदि पदों के कर्मचारियों को पूरी सेवा काल में तीन पदोन्नति के अवसर ही नहीं मिल पाते।
महासंघ इन समस्याओं को लेकर प्रदेश सरकार व शासन को आन्दोलन की नोटिस दे चुका है। इसके अलावा प्रदेश की सभी इकाइयों में कर्मचारी संदेश यात्रा के माध्यम से आन्दोलन की तैयारी कर रहा है। स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने बताया कि पूरे प्रदेश के 17 नगर निगमो, 200 नगरपालिकाओं एवं शेष 545 नगरपंचायतो के सभी कर्मचारियों को एकजुट किया जा रहा है। 25 अक्टूबर तक यदि सरकार ने हमारी मांगों को नही माना तो 26 अक्टूबर से प्रदेश की सभी सेवाओं को बन्द कर अनिश्चित कालीन कार्यबन्दी कर आक्रोश व्यक्त किया जायेगा।
यह भी पढ़ें: अफसरों के पदनाम से पहले माननीय जोड़ने पर हाईकोर्ट हैरान, प्रदेश सरकार से मांगा जवाब