जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान जारी, 24 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने डाले वोट

जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान जारी, 24 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने डाले वोट
second phase of Jammu and Kashmir Assembly elections, in Srinagar district

श्रीनगर। अनुच्छेद 370 के निरसन के बाद जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बुधवार को 26 निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करने पहुंचे और विदेशी राजनयिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसका निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। आधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से मतदान में जल्द ही तेजी आयी और पहले चार घंटों में करीब एक चौथाई मतदाताओं ने वोट डाला। मतदान शाम छह बजे तक चलेगा।

निर्वाचन आयोग के अनुसार जम्मू कश्मीर में 11 बजे तक 24.10 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू की गुलाबगढ़ (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) सीट पर सबसे अधिक 35.72 प्रतिशत मतदान हुआ, कश्मीर घाटी में 15 विधानसभा क्षेत्रों में से कंगन (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) सीट पर सबसे अधिक 30.94 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद चरार-ए-शरीफ में 28.85 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला।

खानसाहिब सीट पर 27 फीसदी वोट पड़े। कई स्थानों पर उत्साह से भरे मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गयीं। ये लोग अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं समेत मतदाताओं ने मतदान के बाद स्याही लगी अंगुली गर्व से दिखायी। यह मतदान आतंकवादियों के बहिष्कार के आह्वान एवं धमकी के बीच हो रहा है। मतदान केन्द्रों पर माहौल उत्साहपूर्ण था। लोगों का उत्साह साफ झलक रहा था। पहली बार मतदान करने वाले, शतायु हो चुके तथा दिव्यांग लोगों ने लोकतंत्र के प्रति अपना जज्बा दिखाया।

दूसरे चरण में जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है, वे छह जिलों में हैं। इनमें से तीन जिले घाटी के और तीन जम्मू संभाग के हैं। विदेश मंत्रालय ने नयी दिल्ली स्थित विभिन्न देशों के दूतावासों से 16 विदेशी प्रतिनिधियों को इस चुनाव का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया है। प्रतिनिधिमंडल घाटी में पहुंचने के तुरंत बाद बडगाम और श्रीनगर में मतदान केंद्रों पर गया। उसे संबंधित उपायुक्तों ने मतदान प्रक्रिया के बारे में बताया।

हालांकि जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दल नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने विदेशी प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की और केंद्र को भी निशाने पर लिया। पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है। अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि विदेशियों को यहां चुनाव की जांच करने के लिए क्यों बुलाया जाना चाहिए?

जब दूसरे देशों की सरकारें इस पर टिप्पणी करती हैं तो भारत सरकार कहती है कि ‘‘यह भारत का अंदरूनी मामला है’’ और अब अचानक वे चाहते हैं कि विदेशी पर्यवेक्षक यहां आएं और हमारे चुनावों को देखें।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव ‘‘हमारे लिए आंतरिक मामला है’’ और ‘‘हमें उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है’’। नेकां नेता ने कहा कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर पर दूसरे देशों के हस्तक्षेप या टिप्पणियों को नहीं चाहता है, तो "उन्हें यहां क्यों आमंत्रित किया गया है?"

उन्होंने चुनाव कवरेज के लिए विदेशी पत्रकारों को अनुमति नहीं देने पर सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "यदि विदेशी राजनयिकों को यहां बुलाया जा सकता है, तो फिर विदेशी पत्रकारों को क्यों नहीं अनुमति दी गयी? चुनाव कवर करने के लिए आवेदन करने वाले किसी भी विदेशी पत्रकार को अनुमति नहीं दी गई। लेकिन, इन राजनयिकों को पर्यटकों की तरह ‘गाइडेड टूर’ कराया जा रहा है, जो अच्छी बात नहीं है।"

दूसरे चरण के मतदान में 239 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला होगा जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। उमर अब्दुल्ला दो सीटों - बडगाम और गांदेरबल से चुनाव लड़ रहे हैं। अब्दुल्ला के अलावा इस चरण में मतदाता जिन प्रमुख उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे, उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना शामिल हैं।

कर्रा सेंट्रल शाल्टेंग से अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं जबकि रैना राजौरी जिले के नौशेरा का प्रतिनिधित्व फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। वह वहां 2014 में विजयी हुए थे। इस चरण में श्रीनगर जिले में 93 उम्मीदवार, बडगाम जिले में 46, राजौरी जिले में 34, पुंछ जिले में 25, गांदेरबल में 21 और रियासी जिले में 20 उम्मीदवार मैदान में हैं। अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने इस चरण में 3,502 मतदान केंद्र बनाए हैं। इनमें से 1,056 शहरी क्षेत्र में जबकि 2,446 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में स्थापित किए गए हैं। 

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