प्रयागराज : चर्म शोधन के लिए भूमि विनिमय शीघ्र निस्तारित करने का निर्देश

प्रयागराज : चर्म शोधन के लिए भूमि विनिमय शीघ्र निस्तारित करने का निर्देश

अमृत विचार, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चर्म शोधन के लिए आरक्षित भूमि पर पुलिस चौकी के निर्माण को रोकने के मामले पर विचार करते हुए कहा कि प्रश्नगत भूमि के उपयोग को बदलने और प्रस्तावित दूसरी भूमि के साथ विनिमय करने की मांग उचित है। कोर्ट ने विपक्षियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि विनिमय शीघ्र होना चाहिए और आवंटन बिना किसी अतिरिक्त समय की हानि के होना चाहिए।

उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने कासिम और एक अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया। दरअसल याचियों द्वारा जनहित में याचिका दाखिल कर बताया गया था कि गाटा संख्या 81 रकबा 0.034 हेक्टेयर भूमि ग्राम राजापुर, गुलाबपुर, परगना तहसील संभल में चर्म शोधन के लिए आरक्षित की गई थी, जिसे अब पुलिस विभाग को पुलिस स्टेशन बनाने के लिए आवंटित कर दिया गया है। मौजूद पुलिस स्टेशन वर्तमान स्थान से केवल 300 मीटर की दूरी पर है और अगर संबंधित भूमि का उपयोग पुलिस स्टेशन के लिए किया जाता है तो चर्म शोधन के लिए कोई अन्य स्थान उपलब्ध नहीं होगा।

हालांकि विपक्षियों द्वारा कोर्ट को यह बताया गया कि प्रश्नगत भूमि का विनिमय किसी अन्य भूमि से किया जा रहा है और इस संबंध में एसडीओ द्वारा जिला कलेक्टर, संभल को 31 अक्टूबर 2023 को एक पत्र भेज कर सूचित किया गया है। पत्र में यह भी बताया गया है कि मौजूदा पुलिस स्टेशन केवल अस्थायी प्रकृति का है, इसलिए प्रश्नगत भूमि पर पुलिस स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित है। अंत में कोर्ट ने भूमि के आदान-प्रदान को शीघ्र निस्तारित करने का निर्देश देते हुए याचिका स्वीकार कर ली।