अपात्रों को शौचालय, जांच में पर्दा डाल रहे अफसर : शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई

अपात्रों को शौचालय, जांच में पर्दा डाल रहे अफसर : शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई

सतरिख, बाराबंकी: अमृत विचार। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत अपात्रों को शौचालय का लाभ देने के मामले में अफसर जांच करने के बजाय जांच में पर्दा डालने में जुटे हुए हैं। अफसरों के इस रवैये से नाराज सामाजिक कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है। आरोप है कि फर्ज़ीवाड़े में ब्लॉक के अफसर भी शामिल हैं इसलिए जांच नहीं की जा रही है। 

विकास खंड हरख की ग्राम पंचायत करौंदी कलां में सबीना, हसीब, यासमीन,शबनम तथा नाजिया सहित कुछ अन्य लोगों को शौचालय का लाभ दिया गया। इसमें सबीना के पति हमजा को वर्ष 2018 में शौचालय का लाभ दिया जा चुका था। दोबारा 6 वर्ष बाद भी उसकी पत्नी को भी शौचालय का लाभ दे दिया गया। निर्माण के लिए 6 हजार रुपए की पहली किस्त उसके खाते में भेज दी गई। इसके साथ ही आठ अन्य लोगों के खाते में शौचालय की पहली किस्त भेजी जा चुकी है।

लेकिन निर्माण कार्य अभी भी शुरू नहीं किया है। गांव के निवासी अनिल कुमार गोस्वामी का आरोप है कि जिन लोगों को शौचालय का लाभ दिया गया है उसमें आधा दर्जन लोग अपात्र हैं। पात्रों के नाम निरस्त करके अपात्रों को शौचालय का लाभ दिया गया है। इसमें ब्लॉक के अफसर भी शामिल हैं। इसलिए शिकायत के बाद भी अफसर मौके पर नहीं पहुंचे रहे और न ही जांच कर रहे हैं। अफसर जांच करने के बजाय जांच में पर्दा डालने में जरुर जुटे हुए है। जिन महिलाओं को शौचालय का लाभ दिया गया है वह किसकी बेटी और किसकी पत्नी है कुछ पता नहीं चल रहा है। डीपीआरओ नीतेश भोंडेले ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई होगी।