20 वर्षों से रह रहे 50 कर्मचारियों का छीन गया आशियाना, हुए बेघर
हाईकोर्ट के आदेश पर एसडीएम ने खाली कराई कॉलोनी, कम्पनी बंद होने के बाद से नही मिला वेतन
प्रयागराज, अमृत विचार: पिछले 20 वर्षो से नैनी के पीडीए कॉलोनी में रह रहे टीएसएल कंपनी के 50 कर्मचारियों के आशियाने को शनिवार दोपहर खाली करा दिया गया। यह कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेश पर थी गई। कार्रवाई के बाद सभी कर्मचारियों ने तत्काल प्रभाव से कॉलोनी को खाली कर दिया। कॉलोनी मे रहने वाले लोगों ने घरों से सारा सामान निकालकर सड़क पर आ गये। इस कार्रवाई के दौरान भारी फोर्स मौजूद रही।
नैनी में काफी समय से बंद पड़ी टीएसएल कम्पनी के कर्मचारी पहले से मुसीबत झेल रहे थे। किसी तरह से आर्थिक तंगी के बीच अपने परिवार को पाल रहे थे। शनिवार को उन पर मुसीबतों का एक और पहाड़ टूट पड़ा। बीस सालों से नैनी के पीडीए कॉलोनी में बनी कॉलोनी में कम्पनी के 50 कर्मचारी रह रहे थे। कम्पनी में ज्वाइनिंग के दौरान ही उन कर्मचारियों को वह फ्लैट एलाट किया गया था। लेकिन कम्पनी बंद होने के बाद से उन कर्मचारियों को कोई भुगतान नही मिल सका। वही कम्पनी के कर्मचारियों को उस कॉलोनी से शनिवार को बाहर करा दिया गया। शनिवार को हाईकोट के आदेश पर प्रभारी तहसीलदार बारा गणेश सिंह ने नैनी इंस्पेक्टर वैभव सिंह व थाने की फोर्स के साथ पहुंचकर कॉलोनी को खाली करा दिया। मौके पर रहे अधिकारियों ने नोटिस चस्पा कर मकानो को सील कर दिया है। बेघर हुए लोग सड़क पर अपना सामान रखकर सिर्फ यह सोचते रहे कि आखिर अब कब उन्हें आशियाना मिलेगा।
एक महीने पहले मिली थी नोटिस
कॉलोनी में रहने वाले शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि 2004 में वह कॉलोनी में आये थे। उन्हें बीआरएस भी नही दिया गया। एक महीने पहले ही कम्पनी ने कॉलोनी खाली के लिए नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद वह कोर्ट की डबल बेंच पर याचिका दाखिल की थी लेकिन उन्हें न्याय नही मिल सका। वहीं सविता देवी और रामकली ने कहा कि हम लोग कई साल से यहां रह रहे थे। कालोनी नौकरी के समय ही मिली थी। कंपनी बंद होने के बाद आज तक पैसा तो मिला नही बल्कि जो सिर ढकने का एक सहारा था उसे भी छीन लिया गया। तहसीलदार बारा गणेश सिंह ने बताया कि कॉलोनी को कम्पनी कंपनी ने खाली कराने के लिए कोर्ट मे पत्र दाखिल किया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद कॉलोनी को शांतिपूर्वक खाली करा दिया गया है।