मुरादाबाद : अग्निशमन दल ने जिला अस्पताल में किया मॉकड्रिल, राेगियों को दूसरी मंजिल से सुरक्षित लाकर एंबुलेंस में बैठाया

सुरक्षा उपाय- ओपीडी के दूसरे तल पर आग लगने के समय 15 लोगों को सुरक्षित करने व आग पर काबू पाने का अभ्यास

मुरादाबाद : अग्निशमन दल ने जिला अस्पताल में किया मॉकड्रिल, राेगियों को दूसरी मंजिल से सुरक्षित लाकर एंबुलेंस में बैठाया

मुरादाबाद, अमृत विचार। अग्निशमन दल ने शुक्रवार को जिला अस्पताल के ओपीडी भवन के दूसरे तल पर लगी आग से बचाव का अभ्यास किया। भवन के दूसरे तल पर फंसे 15 रोगियों के बचाव का प्रदर्शन किया गया। राेगियों को दूसरी मंजिल से किस तरह से सुरक्षित लाकर एंबुलेंस में बैठाया और उन्हें दूसरे अस्पताल केंद्रीय पुलिस चिकित्सालय में शिफ्ट कराया, इसका अभ्यास किया। मॉकड्रिल का प्रदर्शन दोपहर एक बजे किया गया। 

आग की सूचना मिलते ही सायरन बजाते हुए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां अस्पताल में पहुंची और कुछ ही पल में दमकल कर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया। 15 लोगों में आगजनी की घटना से घायल हुए 12 घायलों को निकालकर केंद्रीय पुलिस चिकित्सालय भेजा गया। इस दौरान एंबुलेंस कर्मियों में सक्रियता का प्रदर्शन हुआ। इसी बहाने अस्पताल में आग व्यवस्थाओं का भी परीक्षण हो गया। अस्पताल परिसर में ग्राउंड फ्लोर से लेकर हर मंजिल में अग्निशमन यंत्र लगे हैं।फायर हाइड्रेंट भी लगा है। मॉकड्रिल के दौरान इन सभी का परीक्षण भी हुआ है। 

दमकल कर्मियों ने बताया कि अस्पताल में आग एवं आपातकालीन अभ्यास का उद्देश्य प्रशिक्षण एवं पूर्वाभ्यास के माध्यम से यह सुनिश्चित करना है कि आग लगने की स्थिति में खतरे में पड़ने वाले लोग शांत एवं व्यवस्थित तरीके से कार्य करें, जहां आवश्यक हो, वहां व्यक्ति संबंधितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने आवंटित कर्तव्यों का निर्वहन करें। उधर, तीव्र रिस्पांस के साथ चले इस अभियान को एडीएम (वित्त एवं राजस्व) सत्यम मिश्र ने सराहा। 

उन्होंने फायर फाइटिंग टीम से कहा कि ऐसे ही हमें ध्यान रखना है कि आग लगने की जहां से सूचना मिले, वहां कम से कम समय में पहुंचकर तेजी से रेस्क्यू करना है। जितनी तीव्र गति से आप रेस्क्यू कर पाएंगे, उतना ही आग से नुकसान बचाने में सफल होंगे। उन्होंने जवानों से कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान खुद की भी सेफ्टी को ध्यान में रखना है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू में देखने को मिला, सभी जवानों का टॉरगेट बिल्कुल तय था और उसी मुताबिक रेस्क्यू में बेहतर सफलता प्रदर्शित हुई है। इस मौके पर जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. संगीता गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

रोगियों के बचाव में मुस्तैद रहीं टीमें
अग्निशमन सुरक्षा अधिकारी ज्ञान प्रकाश शर्मा मॉकड्रिल का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मॉकड्रिल में तीन टीमों ने रेस्क्यू किया। तीन टीमें फायर फाइटिंग और एक टीम इंटरनेल फायर फाइटिंग की लगी थी। इसके अलावा एक टीम संचार व्यवस्था में लगी थी। यही नहीं, कानून व्यवस्था संभालने को पुलिस की टीम भी मौके ही मौजूद थी। साथ रोगियों को सुरक्षित कर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराने के दौरान मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्जन के लिए यातायात पुलिस ने भी मोर्चा संभाल रखा था। अस्पताल में अफरा-तफरी न हो, इसके लिए सिविल ड्रेस में वालंटियर लगे थे। अस्पताल के सुरक्षा अधिकारी भी मौके पर थे।

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