Kannauj: कागजों में मृत वृद्धा पहुंची पेंशन लेने, सीडीओ को बताई समस्या, सचिव व पंचायत सहायक कठघरे में
कन्नौज, अमृत विचार। हर साल पेंशन के लाभार्थियों का सत्यापन कराया जाता है। कई बार सत्यापन करने वाले लोग गलत रिपोर्ट लगाकर पात्रों को भी अपात्र या जिंदा को मृत घोषित कर देते हैं। ऐसे ही एक मामले में बुजुर्ग महिला जिंदा होने का सुबूत लेकर विकास भवन पहुंची। कहा, उसको कागजों में मृत दिखाकर पेंशन बंद कर दी गई है। पेंशन शुरू कर रुकी हुई किस्त भी उसे दिलाई जाए।
तहसील तिर्वा इलाके के ब्लॉक हसेरन क्षेत्र की ग्राम पंचायत वनगवां के कठार निवासी करीब 79 वर्षीय रामडकेली पांच महीने से वृद्धावस्था पेंशन न मिलने की समस्या को लेकर विकास भवन पहुंचीं थीं। कार्यालय के निकट मिलीं रामडकेली से जब सीडीओ राम कृपाल चौधरी ने समस्या पूछी तो उन्होंने समाज कल्याण कार्यालय के बाबू को बुलाया और मामले की हकीकत पूछी। बताया गया कि सत्यापन रिपोर्ट में सचिव ने रामडकेली को मृत दिखा दिया। यह सुनकर सीडीओ नाराज हुए।
उन्होंने विभागीय अधिकारी से बात करके रामडकेली की पेंशन बहाल कराने की प्रक्रिया पूरी कराई। सीडीओ ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव अवनीश कुमार की रिपोर्ट पर महिला की पेंशन बंद हुई है। संबंधित अधिकारियों के माध्यम से नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है। उधर, जानकारी पाकर ग्राम पंचायत सचिव भी समाज कल्याण कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने बताया कि पंचायत सहायक ने गलत रिपोर्ट लगाई थी।
ये है बुजुर्ग का मामला
रामडकेली की बहू रानी ने फोन पर बताया कि सास कई महीनों से आर्यावर्त बैंक हसेरन शाखा के चक्कर काट रहीं थीं। वहां पर पेंशन न आने की बात कही गई। उसके बाद पता लगा कि पेंशन सूची से नाम काट दिया गया है। जब रामडकेली विकास भवन पहुंचीं तो बताया गया कि सास को मृत दिखा दिया गया है।
कराया जाता है सत्यापन
वृद्धावस्था पेंशन का वार्षिक सत्यापन कराया गया। इसमें जमीन अधिक होने, मृतकों, आय अधिक, सरकारी नौकरी में पुत्र व पौत्र होने के चलते लाभार्थी अपात्र किए जाते हैं। इसके अलावा अपात्रता में 60 साल से कम उम्र के लोग भी शामिल हैं।