हल्द्वानी: लीगेसी वेस्ट प्लांट का संचालन होगा शुरू, शीघ्र पूरी होगी टेंडर प्रक्रिया 

हल्द्वानी: लीगेसी वेस्ट प्लांट का संचालन होगा शुरू, शीघ्र पूरी होगी टेंडर प्रक्रिया 

हल्द्वानी, अमृत विचार। गौला रोखड़ में बने ट्रंचिंग ग्राउंड में लगे लीगेसी वेस्ट प्लांट का शीघ्र संचालन होने की उम्मीद है। नगर-निगम की ओर से इसके लिए टेंडर जारी किया गया है। प्लांट का संचालन शुरू होने पर कूड़ा निस्तारण की समस्या से निजात मिलेगी। वर्तमान में  ट्रंचिग ग्राउंड में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है।

हल्द्वानी में प्रतिदिन शहर के साथ ही भवाली, रामनगर और नैनीताल से लगभग 400 मीट्रिक टन कचरा पहुंचता है। नगर निगम की ओर से पूर्व में भी टेंडर जारी किया गया था लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया था। वर्तमान में लंबे समय से टेंडर प्रक्रिया अटकी हुई है। नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने बताया कि प्लांट के लिए टेंडर प्रक्रिया गतिमान है। शीघ्र ही न्यूनतम दरों के आधार पर चयनित कंपनी को इसके संचालन का जिम्मा दिया जाएगा। नए निविदा प्रक्रिया के तहत नगर निगम ने 5 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर निकाला है। नए टेंडर में कंपनी को ट्रंचिंग ग्राउंड में जमा सालों पुराने कूड़े का भी निस्तारण करना होगा।

इसके तहत कंपनी को 1.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक कचरे का निस्तारण करना होगा।  मालूम हो कि कूड़े के निस्तारण के लिए पूर्व में लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था।  नवंबर 2022 में कंपनी ने काम करना भी शुरू कर दिया था लेकिन बाद में  मानकों के अनुसार काम नहीं करने पर पिछले साल नगर निगम ने कंपनी के साथ अनुबंध तोड़ लिया था। इसके बाद से अभी तक लीगेसी वेस्ट प्लांट का संचालन ठप पड़ा है। पूर्व में ट्रंचिंग ग्राउंड का कूड़ा हाईवे तक पहुंच गया था जिसके बाद नगर निगम ने इसे साफ कराया था लेकिन  एक बार फिर से  निस्तारण नहीं होने के कारण ट्रंचिंग ग्राउंड का कूड़ा फिर से हाइवे कि किनारे जमा हो रहा है। 


कूड़ा बना स्थानीय लोगों की मुसीबत
कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाने के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में कूड़े के ढेर में आग लगने के कारण फैले धुंए के कारण स्थानीय लोगों को सांस संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लगातार कई दिनों तक फैले धुएं के कारण इंद्रानगर क्षेत्र में रहने वाले कुछ परिवारों ने पलायन तक कर लिया था।  साथ ही कूड़े के ढेर के कारण हाईवे से गुजरने वाले लोगों को भी सांस लेने में दिक्कतें होती हैं।