प्रयागराज : ट्रांसजेंडर नीति के मामले में केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब

प्रयागराज : ट्रांसजेंडर नीति के मामले में केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभिन्न क्षेत्रों में शोषण और उत्पीड़न का शिकार हो रहे किन्नर समाज की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर नीति तैयार करने के मामले में भारत सरकार, यूपी राज्य, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से जवाब तलब करते हुए विपक्षियों को चार सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

मामले की सुनवाई आगामी 16 अक्टूबर को सुनिश्चित की गई है। उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने किन्नर शक्ति फाउंडेशन के अध्यक्ष शुभम गौतम के माध्यम से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। याचिका में राज्य स्तर पर गरिमा ग्रह सुविधाओं की स्थापना और संचालन के लिए संसाधनों का उचित आवंटन, राज्य में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरत को पूरा करने के लिए व्यापक नीतियां तैयार करने, ट्रांसजेंडर शौचालय की स्थापना और शिक्षण संस्थानों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को प्रवेश प्रदान करने और विशेष अभियान चलाकर सरकारी क्षेत्र में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भर्ती करने की मांग की गई।

इसके साथ ही राज्य में प्रभावी आउटरीच और जागरूकता कार्यक्रम तथा ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल की स्थापना के साथ ट्रांसजेंडर आयुष्मान टीजी प्लस कार्ड योजना के त्वरित कार्यान्वयन की भी मांग की गई। याचिका में बताया गया है कि शायद ही कभी हमारा समाज उस आघात, दर्द और पीड़ा को महसूस कर पाएगा, जिससे ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य गुजरते हैं। याचिका में यह भी बताया गया है कि कई प्रयासों के बावजूद अब तक कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के उद्देश्यों और प्रयोजनों को लागू करने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाए गए हैं, इसीलिए उपरोक्त मामले में राहत की मांग करते हुए हाईकोर्ट में वर्तमान जनहित याचिका दाखिल की गई।

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