प्रयागराज : शिकायत की अवधि नोटिस की तिथि से नहीं बल्कि कारण उत्पन्न होने की तिथि से मान्य

प्रयागराज : शिकायत की अवधि नोटिस की तिथि से नहीं बल्कि कारण उत्पन्न होने की तिथि से मान्य

अमृत विचार, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत कार्यवाही करने की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए कहा कि शिकायत दाखिल करने का कारण केवल मांग नोटिस की सेवा की तारीख से 15 दिन की समाप्ति के बाद ही उत्पन्न होगा। उक्त अधिनियम के तहत शिकायत केवल कारण उत्पन्न होने के बाद ही दाखिल की जा सकती है।

कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि शिकायत दाखिल करने के लिए एक माह की अवधि धारा 138 की उप धारा (सी) के प्रावधान के तहत कारण उत्पन्न होने के बाद ही शुरू होती है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने दिनेश कुमार की याचिका को योग्यता के आधार पर खारिज करते हुए पारित किया। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शिकायत दाखिल करने की अवधि नोटिस की सेवा की तारीख से नहीं बल्कि कारण उत्पन्न होने की तारीख से शुरू होती है, जो मांग नोटिस की सेवा के 15 दिन बाद उत्पन्न होती है। मौजूदा मामले में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याची ने अधिनियम की धारा के तहत शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग करते हुए आवेदन दाखिल किया था।

दरअसल याची द्वारा कथित रूप से 18 और 20 अक्टूबर 2020 को जारी दो चेक राजवीर सिंह द्वारा 21 जनवरी 2021 को नगदी कारण के लिए प्रस्तुत किए गए लेकिन चेक अस्वीकृत हो गए। इसके बाद राजवीर सिंह ने 18 फरवरी 2021 को याची को एक कानूनी मांग नोटिस जारी किया जो 19 फरवरी 2021 को सेवा में आई। जबकि शिकायत 2 अप्रैल 2021 को दाखिल की गई। इस पर कोर्ट के समक्ष यह प्रश्न था कि क्या शिकायत समय से बाहर थी, क्योंकि अधिनियम में निर्दिष्ट एक माह की अवधि के बाद शिकायत दाखिल की गई थी, जबकि सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि 7 मार्च 2021 को कारण उत्पन्न हुआ इसलिए 2 अप्रैल 2021 को दाखिल शिकायत सीमा अवधि के भीतर मानी जाएगी।

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