कानपुर पुलिस ने Kamlesh Fighter को Banda से किया गिरफ्तार...दो साथी पहले ही जा चुके सलाखों के पीछे
कानपुर पुलिस ने कमलेश फाइटर को गिरफ्तार कर लिया
कानपुर, अमृत विचार। वसूली और रंगदारी के छह मामलों में फरार चल रहे कमलेश फाइटर और उसके साले सूरज कुमार उर्फ मजनू को नजीराबाद पुलिस ने बांदा नरौनी से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार कमलेश ने गिरफ्तारी से पहले अपने मोबाइल को कहीं छिपा दिया है।
इसके लिए अब पुलिस उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर मोबाइल और तमंचा बरामद करेगी। दोनों आरोपियों का पुलिस ने मेडिकल कराया इसके बाद न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। पुलिस अब उसके फरार साथियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार ने बताया कि शहर के लोगों को पत्रकारिता के दम पर धमकाकर वसूली करने वाले कमलेश फाइटर व उसके साथियों के खिलाफ एक के बाद एक छह मुकदमे अलग-अलग थाने में दर्ज किए गए।
एफआईआर दर्ज होने के बाद कमलेश फाइटर व उसके साथ फरार हो गए थे। लगातार पुलिस की छह टीमें उसकी तलाश कर रही थीं। इस बीच सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन बांदा के नरैना में मिली।
जिसके बाद पुलिस ने उसे नरैना निवासी साले सूरज कुमार उर्फ मजनू के साथ गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी के अनुसार आरोपी कमलेश इतना शातिर है, कि उसने गिरफ्तारी से पहले अपना मोबाइल कहीं छिपा दिया। पुलिस आगे उसकी पीसीआर मांगेगी। उसके मोबाइल में कई सफेदपोशों और शहर के चर्चित लोगों के नाम होने की पूरी आशंका है।
अर्दब में लेने की कोशिश, गिरोह में 25-30 लोग
एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त कमलेश ने पुलिस को अर्दब में लेने की भी कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी। पूछताछ में आरोपी कमलेश ने बताया कि उसके गिरोह में 25-30 लोग है। ये लोग शहर में घूम-घूमकर ये पता करते थे कि कहां-कहां मकान बन रहे हैं या कहां पुराना मकान तोड़कर नया बनाया जा रहा है।
जानकारी के बाद वह मौके पर पहुंचकर केडीए से कार्रवाई और खबर लिखे जाने की धमकी देता था। इसके अलावा वह अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंगों की आईजीआरएस के जरिए केडीए में शिकायत करता था। धमकी देने पर लोग फंस जाते थे। इसके बाद उनसे वह 50 हजार से एक लाख रुपये लेता था। इसके बाद वह रुपये पूरे गिरोह में बंट जाता था।
बांदा से लेकर ओरछा तक फरारी
एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान कमलेश फाइटर ने पुलिस टीम को बताया कि वह गिरफ्तारी के डर से बांदा, सागर, ललितपुर, ओरछा, प्रयागराज और इंदौर में फरारी काटा था। पुलिस को उसके बैंक अकाउंट में एक से डेढ़ लाख रुपये मिले हैं। उन्होंने बताया कि फरारी के दौरान कमलेश अपने एक मिलने वालों के पास पहुंचा और मुख्यमंत्री से मिलवाने की बात कही। इस पर दूसरे पक्ष से कहा गया कि मुख्यमंत्री वांछित अपराधियों से नहीं मिलते हैं।
संगठित अपराध की धारा बढ़ाई
एडीसीपी ने बताया कि कमलेश अपने गिरोह के साथ मिलकर लोगों को बदनाम करने की धमकी देते हुए रुपये वसूली करता था। उसके गिरोह में 25-30 लोग हैं। लिहाजा उसके खिलाफ संगठित अपराध की धारा भी बढ़ाई गई है।
गिरोह में शामिल शातिर अपराधी
एडीसीपी ने बताया कि कमलेश के गिरोह में शानू लफ्फाज, मोहम्मद रियाज, मुशीर, राजा त्रिपाठी, संजय पाल और सूरज शामिल हैं। जिसमें शानू लफ्फाज शातिर किस्म का अपराधी है। वहीं संजय पाल व रियाज रिजवी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। इसके अन्य साथियों का नाम पता लगा रही है।