रुद्रपुर: सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर हड़प लिए आठ लाख रुपये

रुद्रपुर: सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर हड़प लिए आठ लाख रुपये
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रुद्रपुर, अमृत विचार। भूरारानी निवासी एक महिला ने अपने पड़ोसी पर बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर आठ लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि इस मामले को लेकर जब उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया। अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हंस विहार कालोनी भूरारानी निवासी मीना देवी पत्नी आन सिंह ने कोर्ट को दिए शिकायती पत्र में कहा था कि वह गृहिणी है। पड़ोस में उसकी बहन कमला बिष्ट भी रहती है। बहन के माध्यम से उनकी पहचान सीओडी लेबर कॉलोनी ज्वालानगर रामपुर निवासी नीरज पत्नी रामपाल से हुई। इस बीच नीरज ने बताया कि उसके पति रामपाल की कई रसूखदारों से पहचान है। कई व्यक्तियों को उच्च पदों पर सरकारी नौकरी में लगवा चुके हैं।

उसके परिवार एवं रिश्तेदारी में कोई बेरोजगार नौजवान है तो वह अच्छी नौकरी दिला सकती है। इसमें पांच लाख रुपये का खर्चा आने की बात कहीं। नीरज की बातों में आकर उसने अपने पुत्र रविंद्र धामी की नौकरी लगवाने के लिए कहा। इसके बाद नीरज के पति रामपाल ने अपनी ई-मेल आईडी से उसके पुत्र रविंद्र का उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन का फार्म भरा और अपनी ईमेल आईडी से परीक्षा प्रवेश पत्र डाउन लोडकर उपलब्ध कराया। 21 मार्च 2022 को उसने रामपाल के खाते में तीन लाख रुपये जमा करवा दिए।

इसके बाद अपनी रिश्तेदारी से कर्ज लेकर अलग-अलग तिथियों में छह लाख रुपये नीरज और उसके पति रामपाल को दिए। 12 फरवरी 2023 को उसका पुत्र रविंद्र उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन का पेपर देने देहरादून गया। परीक्षा का परिणाम न आने पर उसने रामपाल और उसकी पत्नी नीरज से संपर्क किया तो वह टालमटोल करने लगे।

जब सख्ती से पूछताछ की तब परीक्षा की एक फर्जी ओएमआर उत्तर शीट रामपाल ने खुद भरकर दी। साथ ही कहा कि यह वह उत्तर शीट है जो उसने रविंद्र की परीक्षा शीट बदल कर जमा की है। जिससे वह परीक्षा में पास हो जाएगा। मीना देवी के अनुसार कुछ समय बाद परीक्षा परिणाम नहीं आया तो रामपाल बहाने बनाने लगा और बताया कि रविंद्र ने परीक्षा में अंग्रेजी में हस्ताक्षर कर दिए हैं, जबकि फार्म में हिंदी में हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए उसकी परीक्षा का परिणाम रोक दिया गया है। पुलिस अब ओएमआर  शीट की जांच कर रही है। अगर अपने पुत्र को बचाना चाहती हैं तो एक लाख रुपये का इंतजाम करो। वरना पुलिस रविंद्र को जेल भेज देगी।

पीड़िता के शिकायती पत्र के अनुसार पुत्र को बचाने के लिए उसने रामपाल और नीरज को एक लाख रुपये और दे दिए। साथ ही उसके पुत्र के मूल दस्तावेज जो परीक्षा फार्म भरने के समय दिए गए तो उसके एवज में भी उन्होंने एक लाख रुपये ले लिए। पीड़िता का आरोप है कि पति-पत्नी ने सरकारी नौकरी का लालच देकर उससे आठ लाख से अधिक की नकदी हड़प ली है। जब रुपये वापस मांगे तो धमकी देने लगे। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। वहीं अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर पति-पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

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