Kanpur: सीएसए में किसानों को दिया गया प्रशिक्षण; विशेषज्ञ बोले- हर मौसम में हो सकता मशरूम का उत्पादन
कानपुर, अमृत विचार। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) की ओर से कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर में किसानों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मशरूम की खेती के टिप्स दिए गए। विशेषज्ञों ने कहा कि इसकी खेती कम जगह, कम लागत पर बेहतर लाभ देती है। अब हर मौसम में मशरूम का उत्पादन हो सकता है।
प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने किसानों से कहा कि मशरूम का उपयोग भोजन व औषधि के रूप में किया जाता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन जैसे उच्च स्तरीय खाद्य मूल्य होते हैं। यही वजह है कि देश व विदेश में मशरूम की मांग काफी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार विभिन्न कृषि फसलों को मौसम की अनुकूलता के अनुसार भिन्न-भिन्न ऋतुओं में उगाया जाता है।
उसी प्रकार विभिन्न प्रकार की मशरूम की प्रजातियों के क्रम में हेर-फेर करके किसान पूरे वर्ष मशरूम उत्पादन कर सकते हैं। उत्तरी भारत में मौसमी मशरूम उत्पादक पहले केवल श्वेत बटन मशरूम की एक फसल लेने के बाद अपने उत्पादन कार्य को बंद कर देते थे। गर्मियों में तापमान में वृद्धि के कारण वर्ष भर मशरूम उत्पादन कार्य जारी नहीं रख पाते हैं।
कुछ मशरूम उत्पादक ढींगरी मशरूम के एक-दो फसलें लेने का प्रयास करते हैं। यदि मशरूम उत्पादक दूधिया मशरूम को वर्तमान फसल चक्र में शामिल कर लें तो अपने मशरूम उत्पादन काल को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा वर्ष भर मशरूम उत्पादन करके स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं।