गोंडा: खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर पहुंची घाघरा, 15 हजार की आबादी प्रभावित, मवेशियों के लिए चारे का संकट

बेलसर के 4 उमरी बेगमगंज के 30 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, बाढ़ की चपेट में धान की फसल, मवेशियों के लिए चारे का संकट

गोंडा: खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर पहुंची घाघरा, 15 हजार की आबादी प्रभावित, मवेशियों के लिए चारे का संकट

उमरीबेगमगंज/गोंडा,अमृत विचार। पहाड़ों पर हो रही बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे बरसाती पानी के चलते घाघरा व सरयू नदियां उफान पर है। घाघरा नदी खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है जिसके चलते बाढ़ का पानी अब गांव में घुसने लगा है।  

शुक्रवार की देर रात बेलसर के चार और उमरी बेगमगंज के 30 मजरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गांव चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं और सैकड़ों एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई है। बाढ़ के चलते करीब जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और 15000 से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। चारों तरफ पानी भर जाने से मवेशियों के लिए चारे का संकट भी उत्पन्न हो गया है। जिला प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं। 

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उमरीबेगमगंज के ऐली परसोली, गढ़ी, जबरनगर व परास गांव में स्थिति भयावह हो गयी है‌। यहीं की 6000 हजार से अधिक आबादी बाढ़ की विभीषिका से जूझ रही है‌। हालात भयावह होने से  माझा वासियो के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है। हालांकि जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव उपाय कर रहा है। 

जिला प्रशासन के मुताबिक दो तहसीलों के 22 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। सात गांवों को प्रशासन ने अति बाढ़ प्रभावित गांव माना है‌‌‌। प्रशासन के अनुसार बाढ़ प्रभावित पीड़ितों की संख्या 13346 है जबकि 6242 मवेशी भी बाढ़ से प्रभावित बताए गए हैं। 

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बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा के लिए 88 नाव लगाई गई हैं जबकि एसडीआरएफ की एक वापस फ्लड की एक टीम भी सुरक्षा में तैनात है। एसडीम तरबगंज विशाल कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राहत किट के साथ ही लंच पैकेट का वितरण कराया जा रहा है।

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