सिपाही भर्ती परीक्षा : पोस्ट डिलीट करते-करते फंस गए सपा के पूर्व मंत्री

धांधलीमुक्त परीक्षा कराने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं संभाल रखा है मोर्चा, शासन की नजरें हुई टेंढ़ी, पूर्व मंत्री के खिलाफ हो सकती बड़ी कार्रवाई

सिपाही भर्ती परीक्षा : पोस्ट डिलीट करते-करते फंस गए सपा के पूर्व मंत्री

 लखनऊ, अमृत विचार : समाजवादी पार्टी की सरकार में कद्दावर मंत्री रहे यासर शाह शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक दिन पहले एक्स पर एक पोस्ट शेयर करके फंस गए। बताया जा रहा है कि उन्होंने कुछ समय बाद इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था, लेकिन तब तक पोस्ट वायरल हो चुकी थी और प्रकरण शासन के निगाह में आ चुका था। जिन धाराओं में पूर्व मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है वह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है और गैरजमानतेय है।

हुसैनगंज पुलिस ने पूर्व मंत्री यासर शाह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4), 336 (3), 338 एवं 340 (2) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। इसमें 318 (4) उस समय दर्ज किया जाता है जब कोई व्यक्ति धोखा देकर या बेइमानी से किसी दूसरे व्यक्ति को बहकाता है। इसमें सात वर्ष की सजा का प्राविधान है। दूसरी धारा 336 (3) है, जिसके अनुसार जाली दस्तावेज अथवा इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड को धोखाधड़ी के प्रयोग से के लिए उपयोग किया जाता है। इस धारा के अंतर्गत भी सात वर्ष तक की सजा मिल सकती है।

हालांकि धारा 338 में दो वर्ष और 340 (2) में भी सजा है। पुलिस के आरोप के मुताबिक यूजर आईडी (@yasarshah_sp) द्वारा भर्ती के पेपर लीक होने का असत्य कथन करते हुए अपमानजनक पोस्ट किया गया। इससे अभ्यर्थियों में आक्रोश व कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। शासन के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धांधलीमुक्त परीक्षा कराने के लिए स्वयं बहुत सक्रिय हैं। दिनभर में तीन से चार बैठकें कर रहें है। पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। ऐसी स्थिति में यासर शाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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