सरयू नदी में उफान से तटवर्ती गांवों में हड़कंप : प्रति घंटे दो सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर

प्रशासन सक्रिय, बाढ़ चौकियों को किया गया अलर्ट

सरयू नदी में उफान से तटवर्ती गांवों में हड़कंप : प्रति घंटे दो सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर

रामनगर/सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी: अमृत विचार। पहाड़ों पर बारिश व नेपाल के गिरिजा बैराज से 2 लाख व शारदा बैराज से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सरयू नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ते हुए खतरे के निशान को पार कर गया है। नदी के पानी ने कई गांव के पास कटान तेज कर दी है। जिससे तटवर्तीय इलाकों के लोगों में हड़कंप मचा है। ग्रामीण ऊंचे स्थानों पर पलायन की तैयारियां करने लगे हैं। वहीं बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन भी सक्रिय हो गया है।

नदी

राजस्व विभाग ने सिरौलीगौसपुर तहसील के बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चारों चौकियों को सक्रिय कर नदी के बढ़ते जलस्तर पर निगरानी शुरू कर दिया है। गुरुवार को सुबह से ही नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता दिखा। नदी के पानी ने कई गांवों को अपनी आगोश में लेना शुरू कर दिया। शाम तक ग्राम तेलवारी, परसावल और मांझा रायपुर सहित करीब आधा दर्जन गांवों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई। गांवों को जोड़ने वाले रास्तों पर पानी भर गया। तेलवारी गांव के ग्रामीण मुन्नी लाल, लल्लू और दुर्गा समेत अन्य लोगों ने बताया कि नदी का जलस्तर जिस रफ्तार से बढ़ रहा है। उससे लग रहा है कि रात तक पूरा गांव पानी में डूब जाएगा। परिवार को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। गांव से निकल कर बंधे पर बसेरा करना पड़ेगा। इस संबंध में एसडीएम आनन्द तिवारी ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सभी बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। सभी गांवों में नावों की व्यवस्था है। क्षेत्र के लेखपालों एवं राजस्व निरीक्षक को स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देश दिये गए हैं।

सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से रामनगर तहसील के तराई क्षेत्र में भी ग्रामीणों की धड़कनें तेज हो गई हैं। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से कई किसानों की फैसले जलमग्न हो गई हैं। नदी का पानी गांव की ओर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ग्रस्त गांव के सुनील, राजाराम और दिनेश समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिससे बांध के किनारे बसे कोरिनपुरवा, तपेसिपाह, मल्लाहन पुरवा, परसादी पुरवा, सिसौंदा, बुधईपुरवा, लहड़रा और सीताराम पुरवा सहित दर्जनों गांव के किसानों की गन्ना व धान की फसलें जलमग्न हो गई हैं। किसानों का कहना है यदि इसी रफ्तार से पानी बढ़ता रहा तो शाम तक तराई क्षेत्र के गांवो के घरों में भी पानी प्रवेश कर जायेगा। बाढ़ खण्ड के अधिशासी अभियंता शशिकांत सिंह ने बताया कि नेपाल के बैराजों से पानी छोड़ा गया है। जिससे नदी जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है।


नदी में समा चुका पूरा गांव

करीब दो हफ्ते पहले सरयू नदी में उफान के बाद तेज हुई कटान के कारण रामनगर तहसील क्षेत्र बबुरी गांव व सरकारी स्कूल पूरी तरह नदी में समा गया था। नदी ने केदारीपुर गांव को निशाने पर ले लिया था। हालांकि बीते एक सप्ताह से सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया था। लेकिन जलस्तर एक बार फिर बढ़ने से नदी केदारीपुर व बेलहरी गांव के बीच में दोबारा कटान करने लगी है। हालांकि नदी अभी भी गांव से करीब 20 मीटर दूर है। लेकिन जिस रफ्तार के कटान हो रही है। आने वाले समय में समस्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

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