Exclusive: शेयर बाजार में ‘ऑप्शन ट्रेडिंग’ बना सट्टेबाजी का प्रोडक्ट; यहां समझें...कैसे करोड़ों रुपये गंवा रहे युवा?

Exclusive: शेयर बाजार में ‘ऑप्शन ट्रेडिंग’ बना सट्टेबाजी का प्रोडक्ट; यहां समझें...कैसे करोड़ों रुपये गंवा रहे युवा?

कानपुर, राजीव सिंह। शेयर बाजार में अचानक होने वाली उठापटक से बचाव तथा जोखिम प्रबंधन (हेजिंग एंड रिस्क मैनेजमेंट) के नीयत से वायदा कारोबार (फ्यूचर एंड ऑप्शन) शुरू किया गया था, लेकिन समय के साथ वायदा बाजार खासतौर पर ‘ऑप्शन ट्रेडिंग’ सट्टेबाजी का प्रोडक्ट बन गया है। 

फ्यूचर एंड ऑप्शन के ट्रेडर्स को सर्वाधिक नुकसान वायदा एक्सपायरी के दिन फटाफट कमाई के चक्कर में  ‘हीरो-जीरो’ स्ट्रेटेजी से होता है। शहर के युवा भी ‘हीरो-जीरो’ के फेर में फंसकर लाखों-करोड़ों गंवा रहे हैं। 
 
कानपुर की पिछले वर्ष नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कैश सेगमेंट में हिस्सेदारी करीब 0.50 प्रतिशत थी। इस आधार पर शहर में फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग करने वालों को वर्ष 2023-24 में करीब 250 करोड़ रुपये की चपत लगने का अनुमान है। 

92.50 लाख निवेशकों को नुकसान, 14.22 लाख को फायदा  

सेबी के अनुसार वर्ष 2023-24 में केवल निफ्टी इंडेक्स में ट्रेडिंग से देश के 92.50 लाख रिटेल निवेशकों और प्रोपराइटरशिप फर्मों को 51,689  करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके मुकाबले 14.22 लाख ट्रेडर्स को फायदा हुआ।  

क्या होती ‘हीरो-जीरो’ स्ट्रेटेजी

वायदा एक्सपायरी (कटान) के दिन कम कीमत वाले (डीप आउट ऑफ द मनी) ऑप्शन खरीदे जाते है और बाजार बंद होने तक  इंतजार किया जाता है। इस बीच ऑप्शन की कीमत या तो जीरो हो जाती है या तेजी से कई गुना बढ़ जाती है। 

इसलिए आकर्षित होते युवा ट्रेडर्स 

- कम समय और कम लागत में ज्यादा कमाई 
- ऑप्शन खरीदने पर सीमित नुकसान और असीमित फायदे की संभावना
- टेक्नोलॉजी के जरिए कहीं से भी ट्रेडिंग संभव
- सोशल मीडिया पर बंपर फायदे वाली रील्स 

10 में 9 फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडर्स को लगती चपत : सेबी
 
सेबी के अनुसार, 10 में से 9 फ्यूचर एंड ऑप्शन के ट्रेडर्स को नुकसान होता है। उसकी तरफ से इस  सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हाल ही में रेगुलेटर ने कंसल्टेशन पेपर जारी कर कई बिन्दुओं पर सुझाव मांगे हैं। लेकिन समस्या यह है कि अगर ज्यादा सख्ती की गई तो खुदरा निवेशक अवैध डब्बा ट्रेडिंग या गैंबलिंग साइट्स का रुख कर सकते हैं, जिससे सरकार को टैक्स का नुकसान होगा। 

सट्टेबाजी को हतोत्साहित करने के लिए बजट में बढ़ाया टैक्स

सरकार शेयर बाजार में सट्टेबाजी को हतोत्साहित कर वेल्थ क्रिएशन को बढ़ावा देना चाहती है। इसीलिए पिछले माह बजट में वायदा ऑप्शन के बिक्री पर सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स  0.0625 से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया गया था। वायदा की बिक्री पर यह टैक्स 0.0125 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत किया गया है।

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