कोलकाता कांड को लेकर डॉक्टरों का प्रदर्शन: सफेद कोट की शांति करेगी क्रांति के नारों के साथ हत्यारों को फांसी दो की उठी मांग
लखनऊ, अमृत विचार। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों का प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। राजधानी स्थित 1090 चौराहे पर रेजिडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की है। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें न्याय मिले और हत्यारों को फांसी दी जाए।
लोहिया संस्थान के प्रोफेसर विक्रम सिंह भी 1090 चौराहे पर पहुंचे हैं और उन्होंने बंगाल सरकार को ही कटघरे में खड़ा करते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार बताया है। रेजिडेंट डॉक्टर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं कह रहे हैं कि अब भी जिसका खून ना खौला खून नहीं वह पानी है।
लखनऊ
— Amrit Vichar (@AmritVichar) August 16, 2024
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों का प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा
राजधानी स्थित 1090 चौराहे पर रेजिडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की है।#KolkataDoctorCase #WestBengalHorror #Lucknow… pic.twitter.com/BEJvHeXiIO
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों का प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। राजधानी स्थित 1090 चौराहे पर रेजिडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की है। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांग है कि हत्यारों को फांसी दी जाए।
लोहिया संस्थान के प्रोफेसर विक्रम सिंह, प्रो. एपी जैन समेत कई चिकित्सक रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में 1090 चौराहे पहुंचे हैं। प्रदर्शन में शामिल डॉक्टरों ने बंगाल सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार बताया है। रेजिडेंट डॉक्टर लगातार नारेबाजी कर रहे थे और कह रहे हैं कि अब भी जिसका खून ना खौला खून नहीं वह पानी है। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर एक ही बात बार-बार दोहरा रहे थे कि उन्हें न्याय चाहिए।
वहीं शुक्रवार सुबह राजधानी स्थित केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआई और बलरामपुर समेत कैंसर संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। पीजीआई में डॉक्टरों के साथ नर्सिंग ऑफिसर ने प्रदर्शन कर कोलकाता समेत उत्तराखंड में हुई घटना को लेकर विरोध जताया है। डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन ने मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, कई मरीजों को आज भी बिना इलाज वापस लौटना पड़ा है।
बलरामपुर अस्पताल की बात करें तों पर्चा काउंटर से लेकर दवा काउंटर तक को रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुबह के समय बंद करा दिया। जिससे इलाज के लिए आये मरीजों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से मिलने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पहुंचे । उन्होंने रेजीडेंट डॉक्टरों से बात की है। सुबह के ही समय केजीएमयू में रेजीडेंट डॉक्टरों के समर्थन में शिक्षक संघ भी उतर आया है। रेजीडेंट डॉक्टरों के साथ प्रोफसर भी पैदल मार्च में शामिल हुये हैं। सुबह दस बजे से शुरू हुआ पैदल मार्च करीब 11 बजे तक चलता रहा।
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