तीसरे दिन भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने जारी रखा प्रदर्शन, निकाली रैली 

केजीएमयू और लोहिया संस्थान में प्रदर्शन से प्रभावित नहीं हुआ इलाज, पीजीआई में नहीं बने नए पर्चे 

तीसरे दिन भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने जारी रखा प्रदर्शन, निकाली रैली 

कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या का मामला

 लखनऊ, अमृत विचार : कोलकाता में महिला रेजिडेंट से दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का आक्रोश तीसरे दिन बुधवार को भी शांत नहीं हो सका। जिडेंट डॉक्टरों ने पीजीआई केजीएमयू,लोहिया संस्थान में धरना प्रदर्शन किया। संस्थान प्रशासन से मांगों को जल्द पूरा करने की गुहार लगाई। वहीं केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने के लिए निकले। पुलिस ने परिवर्तन चौक के पास प्रदर्शनकारियों को रोक लिया।  विरोध पर लाठियां फटकार कर खदेड़ा। लोहिया संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों ने 1090 चौराहे तक रैली निकाल कर प्रदर्शन किया। उधर, पीजीआई  में नए मरीज नहीं देखे जा सके। 

 केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टर सुबह करीब 9 बजे प्रशासनिक भवन के सामने जुटे। घटना के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। साथ ही जल्द से जल्द मेडिकल संस्थानों में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए सुरक्षा व सुविधाएं बढ़ाने की मांग की। करीब एक घंटे प्रदर्शन के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने विधानसभा की तरफ कूच कर दिया। बड़ी संख्या में एप्रिन पहले रेजिडेंट डॉक्टर डालीगंज, शहीद स्मारक, कैसरबाग होते हुए परिवर्तन चौक तक पहुंचे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों को रोक दिया। रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध किया। पुलिस ने लाठियां फटकार कर डॉक्टरों को खदेड़ दिया। शाम को रेजिडेंट डॉक्टरों ने कैंडिल मार्च निकाला।

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के डॉ. दिव्यांश, डॉ. आकांक्षा, डॉ. नागेंद्र और डॉ. मृदुल ने कहा कि सरकार डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान कर पाने में नाकाम है। मरीजों की सेवा के बदले महिला रेजिडेंट के साथ दुष्कर्म व हत्या जैसी घटनाएं हो रही हैं। इससे निपटने के लिए सरकार को ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है। लोहिया संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टरों प्रदर्शन किया। इसकी वजह से संस्थान में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने 1090 चौराहे पर प्रदर्शन किया। यह छात्र भी आगे विधानसभा जाने का प्रयास कर रहे थे। जिन्हें पुलिस ने रोक दिया।


पीजीआई में दूसरे दिन 700 नए रोगी बिना इलाज लौटे

 पीजीआई के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को भी कामकाज नहीं किया। इमरजेंसी, ट्रामा और आईसीयू छोड़ सभी सेवाओं का बहिष्कार किया। ओपीडी में नए रोगियों के पंजीकरण नहीं होने से करीब 700 नए रोगियों को इलाज नहीं मिला। कैंसर, दिल, गुर्दा, दिमाग व पेट समेत दूसरी गंभीर बीमारियों के रोगी तड़पते रहे, लेकिन इन्हें किसी ने देखा नहीं। दर्जन भर से अधिक रोगियों के ऑपरेशन टाल दिए गए। अल्ट्रा साउण्ड, सिटी, स्कैन, इण्डोस्कोपी, एमआरआई के अलावा न्यूरो, यूरो समेत दूसरे विभागों में 300 से अधिक रोगियों को की जांचें नहीं हो पायी। इन्हें आगे की तारीख देकर लौटा दिया गया।

पुराने रोगियों को मिला उपचार

संस्थान की ओपीडी में पहले से तारीख पाए पुराने रोगियों को कोई दिक्कत नहीं हुई। डॉक्टरों ने इन रोगियों को देखा। इन रोगियों के खून की जांच हो तो गई, लेकिन अल्ट्रा साउण्ड समेत अन्य कई जांच की तारीख दी गई। दिन भर चली ओपीडी में बुधवार को करीब 1500 पुराने रोगी देखे गए।

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